उत्तर प्रदेश के नव नियुक्त मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने मंगलवार को लोकसभा में बोलते हुए कहा वो उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाएंगे। और इसके लिए उन्होंने सबका सहयोग भी मांगा। मुख्यमंत्री पद की शपद लेने के बाद आदित्यनाथ योगी मंगलवार को पहली बार दिल्ली आए। दिल्ली में उन्होंने एक सांसद तौर पर लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया और अपनी बात रखी। आदित्यनाथ योगी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित कई लोगों से मुलाकात की।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद आदित्यनाथ योगी पहली बार दिल्ली आए। अपने दौरे में उन्होंने राष्ट्रपति भवन जाकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मुलाकात की। सीएम योगी संसद भवन पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले और कई मुद्दों पर चर्चा की।

बाद में आदित्यानथ लोकसभा की कार्यवाही में भी शरीक हुए। सदन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपने वादों को पूरा करेंगे और सभी को उत्तर प्रदेश से उत्तम प्रदेश बनने की यात्रा में शरीक होने के लिए आमंत्रित किया।

अदित्यनाथ योगी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात की। माना जा रहा है कि दोनों की मुलाकात के दौरान प्रदेश सरकार में विभागों के आवंटन पर चर्चा हुई। वहीं प्रदेश में सरकार का क्या रोड मैप हो इस के बारे में भी चिंतन हुआ।

गौरतलब है कि बीते दिनों संसदीय दल की बैठक में खुद अमित शाह कह चुके हैं कि अब 2019 की तैयारी करनी है। इस लिहाज से उत्तर प्रदेश इसलिए भी अहम है, चूंकि 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को यहां से 80 में से 73 सीटों पर विजय मिली थी।

इससे पहले मुख्यमंत्री आदित्यानाथ योगी ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के साथ सीएम योगी की बैठक 20 मिनट तक चली। इस दौरान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कई मुद्दों पर चर्चा की। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी की नई सरकार को अपनी शुभकामनाएं देते हुए हर संभव मदद का अश्वासन दिया।

यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू से भी मुलाकात की। वेंकैया नायडू ने उत्तर प्रदेश में शहरी विकास की गति बढ़ाने के लिए आदित्यनाथ को सुझाव दिए, जिसमें ईमानदार तेजी से काम करने की क्षमता रखने वाले अफसरों को इस मिशन से जोड़ना भी शामिल है।

एक्शन मोड में नजर आ रही योगी सरकार जनता से किए वादों को पूरा करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। उत्‍तर प्रदेश में पद ग्रहण के बाद मुख्‍यमंत्री आदित्‍यनाथ योगी ने कानून व्यवस्था दुरुस्त करने और पारदर्शिता लाने के लिए निर्देश जारी कर दिए।

इसी कड़ी में पूर्व की अखिलेश सरकार के 70 दर्जा प्राप्त मंत्रियों को भी हटाने का फैसला लिया गया। कई विभागों, निगमों, परिषदों और समितियों में सलाहकार, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य जैसे पदों पर कई नेता आसीन थे। राज्‍य सरकार के सभी वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम आदित्यनाथ ने कड़े निर्देश दिए हैं साथ ही अधिकारियों को 15 दिन के भीतर अपनी संपत्तियों का ब्‍यौरा देने को भी कहा।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की दिल्ली यात्रा हालांकि औपचारिक मानी जा रही है लेकिन यह काफी महत्वपूर्ण भी है। क्योंकि अभी राज्य में मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा होना है और विधानसभा चुनाव में किए वादों को अमलीजामा भी पहनाया जाना बाकी है।