नई दिल्लीः इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय क्रिकेट टीम का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। खास तौर से भारत के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज इस दौरे पर पूरी तरह से नाकाम साबित हुए है।

ऐसे में कप्तान विराट कोहली की अगुआई वाली टीम पर अब सवाल उठने लगा है कि इस तरह की बल्लेबाजी के साथ विदेशी दौरों पर टीम कैसे बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी। इंग्लैंड के बाद भारतीय टीम को नवम्बर में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाना है।

विदेशी दौरे पर लगातार विफल हो रहे टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजी ने कप्तान विराट कोहली के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। भारत के लिए यह मुश्किल ओपनर बल्लेबाज की है। इंग्लैंड दौरे पर कप्तान विराट कोहली अबतक खेले गए चार मैचों में तीन ओपनर बल्लेबाजों को आजमा चुके हैं लेकिन तीनों में से एक भी भारत को ठोस शुरूआत दिलाने में नाकामयाब रहे।

टेस्ट मैचों में भारत के लिए स्थापित ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन का प्रदर्शन इस दौरे पर बेहद निराश करने वाला रहा है। घरेलू मैदान पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिखर धवन ने साल 2018 में अबतक पांच टेस्ट मैचों में बल्लेबाजी की है। इन पांच टेस्ट मैचों में धवन का बल्ला खामोश रहा है। धवन ने इस साल खेले गए पांच टेस्ट मैचों में 33 की औसत से 297 रन बनाए हैं।

धवन के लिए साल की शुरूआत साउथ अफ्रीका दौरे से हुई। साउथ अफ्रीक के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज में धवन को एक मैच में खेलने का मौका मिला जिसमें दो पारियों में वे महज 32 रन ही बना पाए। इस दौरे के बाद भारतीय टीम चार महीने बाद अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच खेलने मैदान पर उतरी।