नई दिल्लीः करतारपुर गलियारे का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस और भाजपा में होड़ मची हुई है। नेतागण व्यक्तिगत तौर पर भी इसका श्रेय लेने पर आमादा हैं। इस कारण सोमवार को गलियारे का शिलान्यास कार्यक्रम शुरू होने से पहले विवाद पैदा हो गया।

चुनावी लाभ पर नजर : आसन्न लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा, कांग्रेस से लेकर अकाली दल तक इसका लाभ लेने की कोशिश में हैं। इसी कारण गलियारे के शिलान्यास कार्यक्रम की रूपरेखा और अतिथियों के नामों में कई बार बदलाव हुए। शिलान्यास के समय बनाए जाने वाले मंच और पंडालों की संख्या से जुड़े फैसले भी बदले गए।

शिलापट्ट पर नाम ढका : पंजाब के जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा कार्यक्रम स्थल पर अधिकारियों की ओर से लगाए गए शिलापट्ट पर अपना नाम न देख खफा हो गए। उन्होंने शिलापट्ट पर काला टेप चिपका दिया। वह डेरा बाबा नानक से विधायक हैं, लेकिन उनके क्षेत्र में बन रहे गलियारे के शिलापट्ट में उन्हीं का नाम नहीं था। जबकि शिला पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का नाम था। इससे नाराज रंधावा ने उस पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और अन्य मंत्रियों के नाम पर काली पट्टी चिपका दी।

अरदासों का नतीजा :शिलान्यास कार्यक्रम से पहले बाबा डेरा नानक पहुंचे कैबिनेट मंत्री सिद्धू ने इस गलियारे के खुलने का श्रेय संगतों को दिया। उन्होंने कहा, संगतों की अरदासों से ही यह रास्ता खुलने जा रहा है।