नई दिल्ली:बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने पंकज मेश्राम द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय मीडिया को ‘दलित’ शब्द का इस्तेमाल बंद करने के लिए निर्देश जारी करने पर विचार करे। पंकज की याचिका में सरकारी दस्तावेजों और पत्रों से दलित शब्द को हटाने की मांग की गई थी। जिसके बाद केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया के लिए एक अडवाइजरी हुए कहा है कि उन्हें दलित शब्द के इस्तेमाल से बचना चाहिए और इसकी जगह पर ‘शेड्यूल्ड कॉस्ट’ का प्रयोग करना चाहिए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केन्द्रीय मंत्री इस निर्देश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की तैयारी में हैं। अठालवे का कहना है कि यह शब्द अपमानजनक नहीं है। आपको बता दें कि इस संबंध में साल के शुरुआत में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट भी कह चुका है कि केंद्र और राज्य सरकारों को पत्राचार में दलित शब्द के इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योंकि यह शब्द संविधान में नहीं है।

बंद करने के लिए निर्देश जारी करने पर विचार करे। पंकज की याचिका में सरकारी दस्तावेजों और पत्रों से दलित शब्द को हटाने की मांग की गई थी। जिसके बाद केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया के लिए एक अडवाइजरी हुए कहा है कि उन्हें दलित शब्द के इस्तेमाल से बचना चाहिए और इसकी जगह पर ‘शेड्यूल्ड कॉस्ट’ का प्रयोग करना चाहिए।