नई दिल्लीः सरकार इस बात को लेकर आश्वस्त दिख रही कि विधानसभा चुनावों में राफेल मुद्दा नहीं बन रहा है। आम चुनाव दूर हैं। लेकिन सरकार को उम्मीद है कि आम चुनावों में भी यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं बन पाएगा। इसके बावजूद सरकार सतर्क है। सूत्रों का कहना है कि यदि यह मुद्दा तूल पकड़ता है, तो सरकार के पास इससे निपटने की आपात रणनीति भी बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार सरकार द्वारा राफेल के प्रभाव को लेकर विभिन्न स्तरों पर जो फीडबैक जुटाया गया है, उसके अनुसार आम लोगों में इसका असर नहीं है। खासकर छोटे शहरों, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के बीच यह मुद्दा चर्चा में नही आ पाया है। ज्यादातर लोग राफेल और इससे जुड़े किसी प्रकार के घोटाले से वाकिफ नहीं हैं। जबकि शहरी क्षेत्रों में लोग इस मुद्दे को जान तो रहे हैं, लेकिन इसमें भ्रष्टाचार होने की बात नहीं मानते हैं। इस स्थिति को सरकार और भाजपा अपने हक में मान रही है।

स्थानीय मुद्दे हावी रहेंगे

राज्यों के चुनावों में आमतौर पर स्थानीय मुद्दे ही हावी रहते हैं। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। कांग्रेस की तरफ से राफेल मुद्दे को उठाया जा रहा है। लेकिन राज्यों से ऐसी खबरें नहीं हैं कि यह कहीं प्रभावी हो रहा हो।