नई दिल्लीः राफेल विमान सौदे पर मचे घमासान के बीच विमान बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने दावा किया है कि यह सौदा साफ-सुथरा और नौ फीसदी सस्ता है। उधर, कांग्रेस ने इस दावे को झूठा करार देते हुए आरोप लगाया कि सरकार घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है।.

18 के दाम में 36 विमान :

दसॉल्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एरिक ट्रैपियर ने एक साक्षात्कार में कहा कि 18 तैयार विमानों की जितनी कीमत है, उसी दाम में 36 विमानों का सौदा किया गया। दाम दोगुने होने चाहिए थे, पर चूंकि यह दो सरकारों के बीच करार हुआ और कीमतें उन्होंने तय कीं। इसलिए हमें भी 9% कम दाम पर सौदा करना पड़ा।.

रिलायंस को खुद चुना :

सीईओ ने कहा कि रिलायंस को ऑफसेट पार्टनर चुनने का फैसला उनकी कंपनी का था। रिलायंस के अलावा भी 30 कंपनियां उनके साथ जुड़ी हुई हैं। कांग्रेस के आरोपों पर ट्रैपियर ने कहा, मैं झूठ नहीं बोलता। जो सच मैंने पहले कहा था, वही आज भी कह रहा हूं। मेरी छवि झूठ बोलने वाले की नहीं है। भारतीय वायुसेना इस सौदे से खुश है।