नई दिल्लीः दिल्ली समेत एनसीआर की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रभावी और बेहद महीन प्रदूषण कण पर्टिकुलेट मैटर 2.5 का स्तर पांच गुना ज्यादा (इमरजेंसी स्तर) यानी 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर को पार कर गया है।
वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) आईआईटी दिल्ली के सहयोग से फौरी राहत के लिए राष्ट्रीय राजधानी में कृत्रिम वर्षा पर विचार कर रहा है। सीपीसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कृत्रिम वर्षा के लिए एक निश्चित मौसम का हमारे पक्ष में होना जरूरी है, जबकि इस वक्त ऐसा नहीं है।

दिल्ली व आसपास के शहरों की वायु गुणवत्ता मंगलवार को भी बहुत खराब श्रेणी में ही दर्ज की गई। सर्वाधिक प्रदूषित गाजियाबाद रहा। जारी हेल्थ एडवाइजरी में कहा गया है कि सुबह बहुत जल्दी और शाम को सूरज ढलने के बाद फील्ड संबंधी गतिविधियों से बचाव करें।

केंद्रीय एजेंसी सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक, दिल्ली के प्रमुख प्रदूषण पर्टिकुलेट मैटर 2.5 में पराली की हिस्सेदारी में कमी जारी है। मंगलवार को यह 4 फीसदी पर पहुंच गई।