नई दिल्लीः दिल्ली में बुधवार को प्रदूषण का स्तर मामूली रूप से कम रहने के बाद अगले 10 दिन में स्थिति तेजी से खराब होने की आशंका है। पयार्वरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने गुरुवार को इस मुद्दे पर दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पयार्वरण मंत्रियों की बैठक बुलायी है। पयार्वरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में आज प्रदूषण के स्तर में मामूली सुधार हुआ और पीएम-10 और पीएम-2.5 का स्तर मंगलवार की तुलना में थोड़ा कम रहा। इसके बावजूद हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रही। उसने सफर के हवाले से बताया कि आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता तेजी से खराब होगी।

ईपीसीए ने बताया कि उत्तरी भारत में इस समय पश्चिमी विक्षोभ से हवा में आर्द्रता बढ़ रही है। दूसरी ओर, पूर्वी हिस्से में चक्रवातीय सिस्टम की मौजूदगी से हवा का प्रवाह कम हो रहा है। नासा से प्राप्त चित्रों से यह स्पष्ट है कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं और पश्चिमोत्तर हवा बह रही है। इन सभी कारकों के साथ दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्थानीय कारकों के कारण आने वाले 10 दिनों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जायेगा।

डॉ. हर्षवर्द्धन गुरुवार दोपहर दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पयार्वरण मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद वह ‘रन फॉर क्लीन एयर’ को भी हरी झंडी दिखायेंगे। उल्लेखनीय है कि 01 से 10 नवंबर तक ‘क्लीन एयर सप्ताह’ मनाया जा रहा है। इस दौरान दिल्ली में निमार्ण और उत्खनन कार्यों पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। स्टोन क्रशर और हॉट मिक्स प्लांट भी बंद करने के निर्देश दिये गए हैं। एनसीआर में 01 नवंबर से ईंट भट्ठे बंद रहेंगे। इसके लिए ईपीसीए हरियाणा राजस्थान और उत्तर प्रदेश को पत्र लिख रहा है। दिल्ली के मुंडका में औद्योगिक क्षेत्र 1 नवंबर से बंद रहेगा।