इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को कैमरे पर कथित तौर पर धन लेते हुए दिखाया गया था। इस पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने CBI जांच के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के इसी फैसले को तृणमूल कांग्रेस नेता स्वागत राय और अन्य नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस द्वारा मामले की जांच को रोककर इसमें CBI जांच के हाईकोर्ट के आदेश को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था। गौरतलब है कि साल 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले नारद स्टिंग के टेप विभिन्न समाचार संगठनों को जारी किए गए थे। इसमें कुछ नेता कथित तौर पर घूस लेते दिखाई दिए थे।