14TH_SUPREME_COURT_1788400fन्यायालय ने बीसीसीआई के पदाधिकारियों से विभिन्न मुद्दों पर पूछे 80 सवाल
नई दिल्ली, । उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढ़ा की अगुआई वाली समिति ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पदाधिकारियों से विभिन्न मुद्दों पर 80 से अधिक सवाल किए हैं, जिनमें हितों का टकराव, ऑडिट, खाते, वित्त और पारदर्शिता जैसे मामले शामिल हैं। इस समिति को बीसीसीआई में प्रशासनिक सुधार की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
समिति में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश लोढ़ा के अलावा उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अशोक भान और आरवी रवींद्रन शामिल हैं।
समिति द्वारा सवाल बीसीसीआई के आला अधिकारियों को भेजे गए हैं। हितों का टकराव शीर्षक के अंतर्गत एक सवाल पूछा गया है कि जब आईपीएल टीम का एक खिलाड़ी या टीम अधिकारी फ्रेंचाइजी के साथ काम करता हो या अन्य टीम का मालिक हो तो क्या बीसीसीआई इसे हितों का टकराव मानता है।ऐसी स्थिति से बचने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? जवाब में कहा गया है, इंडिया सीमेंट्स-सीएसके-एन श्रीनिवासन के संदर्भ में हितों के टकराव के मौजूदा मामले के सामने आने के बाद ही बोर्ड में इस तरह के मनमाने रवैये का पता चला है।नहीं मिला जवाबइस मुद्दे पर दो ऐसे सवाल हैं जिनका कोई जवाब नहीं दिया गया है। पहला सवाल यह है कि बीसीसीआई-आईपीएल और संबंधित पक्षों ने यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए हैं कि इन संस्थाओं को चलाने वालों और इसके पेशेवर प्रबंधन से जुड़े लोगों के बीच हितों का टकराव नहीं हो। उपरोक्त के संदर्भ में सूचना छुपाने पर किस तरह की सजा का प्रावधान है।दूसरा सवाल ये है कि क्या यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं कि हितों का टकराव नहीं हो और बोर्ड-आईपीएल प्रतिनिधियों के रिश्तेदारों-सहयोगियों को इन अनुबंधों के लिए नहीं चुना जाए।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *