नई दिल्लीः पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से चीन के जिनजियांग तक बस सेवा शुरू किए जाने की योजना पर नई दिल्ली की तरफ से इस्लामाबाद और बीजिंग के सामने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई गई है।

पाकिस्तान के सरकारी मीडिया ने सोमवार को यह खबर दी कि एक प्राइवेट ट्रांसपोर्ट कंपनी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के हिस्से के तहत 3 नवंबर से बस सेवा शुरू करने जा रही है। भारत लगातार देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के उल्लंघन का हवाला देकर सीपीईसी का विरोध करता आ रहा है। सीपीईसी का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजर रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- “चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के हिस्से के रूप में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से बस सेवा शुरू करने के प्रस्ताव पर हमने चीन और पाकिस्तान के सामने अपने कड़ा विरोध दर्ज करा दिया है।”

विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता ने कथित तौर पर 1963 के ‘चीन-पाकिस्तान सीमी समझौते’ को अवैध और अमान्य करार देने के भारत के रूख का हवाला देते हुए कहा- “पाकिस्तान के नियंत्रण वाले जम्मू कश्मीर से किसी भी तरह की बस सेवा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है।”

पाकिस्तानी कंपनी ने कहा कि बस सेवा लाहौर से काशगार हफ्ते में चार दिन चलेगी। इसके लिए टिकटों की बुकिंग पहले ही शुरू हो चुकी है।