नई दिल्लीः चीन को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 28 अक्टूबर से होने जा रहे दो दिवसीय जापान दौरे में रक्षा और संपर्क पर खास जोर रहेगा। दोनों सरकारों की तरफ से नौसैन्य क्षेत्र में आपसी सहयोग को और बढ़ाने के लिए दो समझौतों का ऐलान किया जा जाएगा।

जापान के राजदूत केन्जी हिरामत्सु ने कहा कि पीएम मोदी और शिंजो आबे दक्षिण एशिया में एक साथ ठोस बुनियादी ढांचा परियोजना लागू को लेकर अपनी योजना सामने रखेंगे। उन्होंने बताया कि पिछले साल जब पीएम आबे गांधी नगर गए थे तो वहां पर जिस तरह से भीड़ ने उनका शानदार स्वागत किया उसके बाद वे बेहद व्यक्तिगत तौर पर पूरी तैयारी और बातचीत की योजना बना रहे थे।

भारतीय अधिकारियों ने बताया कि एशिया में जापान भारत का सामरिक लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण साझीदार बन गया है। टोक्यों जैसी कुछ ही सरकारें नई दिल्ली को ध्यान में रखकर अपनी विदेश नीति बनाई है। यहां तक की ऐसे कुछ ही है जो भारतीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सहायता और निवेश को लेकर प्रतिबद्ध हैं।