jduभाजपा का मौत पर बयानबाजी करना पूरी तरह से राजनैतिकः जदयू
पटना, 21 मई (हि.स.)। बिहार प्रदेश जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता डॉ निहोरा प्रसाद यादव ने कहा है कि नौबतपुर की घटना पर बिहार भाजपा द्वारा दिखाई जा रही अति सक्रियता, धरना और बयानबाजी पूरी तरह राजनैतिक है और केवल चुनावी फायदा उठाने के मकसद से की जा रही है। कॉरपोरेट समर्थक और किसान विरोधी भाजपा को देशभर में और कहीं के किसानों की कभी चिंता ही नहीं हुई। बिहार में भी विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नुकसान की मार झेल रहे किसानों को हुई क्षति का आकलन करने के लिए केंद्रीय टीम काफी देरी से भेजी गई और इस टीम ने भी जिस अराजक तरीके से काम किया वह मीडिया में समाचार बना। बिहार में तो नीतीश कुमार की सरकार ने आपदाग्रस्त किसानों के लिये ऐसी पक्की व्यवस्था कर दी है कि उसके आश्रितों को कोई दिक्कत नहीं होगी।जदयू प्रवक्ता ने कहा कि नन्दकिशोर यादव और उनके सहयोगी दूसरे बीजेपी नेता नौबतपुर की घटना का गलत तरीके से एक मौके के रूप में राजनैतिक इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होनें कहा कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार नौबतपुर में ज़हर खाकर जान देने वाले व्यक्ति के पास केवल 10 कट्ठा जमीन थी। वह नशे का आदि था और पारिवारिक कलह में उसने जान दी थी। इसके बावजूद बिहार सरकार पूरी संवेदनशीलता से मामले की जांच कराकर पीड़ित परिवार की सुरक्षा व्यवस्था में लगी है। इस विषय पर बीजेपी द्वारा राजनीति किया जाना शर्मनाक है। जिस बीजेपी के नेता और देश के प्रधानमन्त्री भारत के किसानों की जमीन छीनकर कारपोरेट घरानों को देने पर आमादा हैं, जो किसानों की दुर्दशा से आँख मूंदकर मंगोलिया जैसे छोटे देश में एक अरब डॉलर के ऋण का प्रसाद बाँट आये हों, उस बीजेपी द्वारा नौबतपुर की घटना को मुद्दा बनाना केवल घड़ियाली आंसू बहाने के समान है। महाराष्ट्र में बीजेपी के सहयोगी दल शिवसेना ने भी मोदी द्वारा किसानों की उपेक्षा कर मंगोलिया को इतना बड़ा ऋण देने की कड़ी निंदा की है।डॉ. यादव ने कहा कि बिहार और देश की जनता केंद्र में मोदी के शासन के एक साल में ही पूरी भाजपा की असलियत समझ गई है। कारपोरेट घरानों को आयकर, उत्पादकर और सीमाशुल्क में साढ़े पांच लाख करोड़ का फायदा कराने वाली मोदी सरकार ने कृषि समेत सामाजिक सुरक्षा के विभिन्न मदों में जबरदस्त कटौती करके देश के किसानों और आम जनता को भरी चोट पहुंचाई है। यह कटौती पेयजल व स्वच्छता में 59.2ः, महिला व बाल विकास में 52ः, कृषि व सहकारिता में 22.6ः, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण में 19.1ः, मानव संसाधन विकास में 20.3ः, श्रम व रोजगार में 13.8ः, ग्रामीण विकास में 12.6ः समेत अजा/जजा में भी काफी ज्यादा है। इससे लोगों को बीजेपी की प्राथमिकताओं का पता चल गया है। लोग जान गए हैं कि भाजपा केवल बड़े पूंजीपतियों की पार्टी है; इसे किसानों या आम जनता से कुछ लेना-देना नहीं है।

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