नई दिल्लीः आरपी सिंह ने 2007 में भारत की टी20 विश्वकप जीत में अहम भूमिका निभाई थी। इस टूर्नामेंट में वो 12 विकेटों के साथ भारत के सबसे सफल गेंदबाज़ रहे थे।

उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर लगभग छह साल रहा। उन्होंने क्रिकेट के सभी तीन प्रारूप में 82 मैच खेले और 100 से अधिक विकेट चटकाए। इस दौरान उन्होंने 14 टेस्ट में 40 विकेट, 58 वनडे में 69 विकेट और 10 टी20 मैचों में 15 विकेट भी चटकाए।

आरपी सिंह एक समय पर टीम इंडिया के प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ थी। धोनी की कप्तानी में उन्हें खुद को निखारने का जमकर मौका मिला। खुद कप्तान धोनी भी उन पर भरोसा करते थे। लेकिन साल 2011 के बाद उन्हें कभी भी टीम इंडिया में वापसी का मौका नहीं मिला।

आरपी सिंह ने संन्यास के एलान के साथ एक भावुक पोस्ट लिखते हुए कहा, ”13 साल पहले आज ही के दिन, 4 सितंबर 2005 को मैंने पहली बार भारतीय जर्सी पहनी थी।”

साथ ही उन्होंने लिखा, ”मेरी आत्मा और दिल आज भी उस युवा लड़के के साथ है जिसने पाकिस्तान के फैसलाबाद में करियर का आगाज किया था, जो लेदर बॉल को अपने हाथ में रखते हुए सिर्फ खेलना चाहता था। शरीर अहसास दिला रहा है कि अब मेरी उम्र हो चुकी है और युवा खिलाड़ियों के लिए जगह खाली करने का समय आ गया है।”