नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने भीमा-कोरेगांव मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए पांच कार्यकर्ताओं में शामिल गौतम नवलखा को नजरबंदी से मुक्त करने की सोमवार को इजाजत दे दी। हाईकोर्ट ने नवलखा को राहत देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते उन्हें आगे के उपायों के लिए चार हफ्तों के अंदर उपयुक्त अदालत का रूख करने की छूट दी थी, जिसका उन्होंने उपयोग किया है।

हाई कोर्ट ने निचली अदालत की ट्रांजिट रिमांड के आदेश को भी रद्द कर दिया। मामले को शीर्ष न्यायालय में ले जाए जाने से पहले इस आदेश को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने कहा कि नवलखा को 24 घंटे से अधिक हिरासत में रखा गया, जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता।

नवलखा को दिल्ली में 28 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। अन्य चार कार्यकर्ताओं को देश के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 29 सितंबर को पांचों कार्यकर्ताओं को फौरन रिहा करने की एक याचिका खारिज करते हुए कहा था कि महज असमति वाले विचारों या राजनीतिक विचारधारा में अंतर को लेकर गिरफ्तार किए जाने का यह मामला नहीं है। इन कार्यकर्ताओं को भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आरोपी और चार हफ्ते तक नजरबंद रहेंगे, जिस दौरान उन्हें उपयुक्त अदालत में कानूनी उपाय का सहारा लेने की आजादी है। उपयुक्त अदालत मामले के गुण दोष पर विचार कर सकती है। ॉ