नई दिल्लीः डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि पिछले दो-तीन साल से लगातार दिसंबर-जनवरी में दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में गैस चेंबर जैसे हालात हो रहे हैं। दिल्ली सरकार ने अपने स्तर पर ग्रीन बजट, मेगा प्लांटेशन ड्राइव समेत सभी जरूरी कदम उठाए हैं और दिसंबर-जनवरी को छोड़ दें तो दिल्ली की हवा सुधरी है। पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की समस्या जस की तस है और यही कारण है कि नवंबर आते-आते फिर से दिल्ली-एनसीआर की हवा बिगड़ने लगी है। सिसोदिया ने कहा कि केंद्र हाथ पर हाथ रखकर बैठा हुआ है और पूरे उत्तर भारत की हवा बिगड़ने के लिए केंद्र की नाकामी जिम्मेदार है।

सिसोदिया ने दिल्ली समेत उत्तर भारत में खराब वायु गुणवत्ता को देखते हुए केंद्र सरकार और हरियाणा एवं पंजाब सरकारों से इसके लिए उपाय करने की अपील की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। किसानों को सब्सिडी नहीं दी गई। यह केंद्र सरकार और पंजाब-हरियाणा राज्य सरकारों की विफलता है। उन्होंने कहा कि दिसंबर और जनवरी के आते ही दिल्ली समेत समूचा उत्तर भारत एक गैस चेंबर में तब्दील हो जाता है।

पिछले साल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा के सीएम से मुलाकात की थी और हरियाणा के सीएम ने आश्वासन दिया था कि अगले साल यह हालात नहीं होंगे जबकि पंजाब के सीएम ने मिलने का समय तक नहीं दिया था। सिसोदिया ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर केंद्र के वादे का क्या हुआ? किसानों को सब्सिडी क्यों नहीं दी गई? अगर सब्सिडी दी गई तो हरियाणा व पंजाब सरकारों ने सब्सिडी क्यों नहीं बांटी? किसानों को अगर मदद मिलेगी तो वे पराली नहीं जलाएंगे। केंद्र की सब्सिडी किसानों तक क्यों नहीं पहुंच रही है? दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने केंद्र समेत पंजाब- हरियाणा की सरकारों को लगातार पत्र लिखे हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।