नई दिल्लीः मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों पर कांग्रेस से तालमेल की सारी संभावनाओं को खारिज कर आक्रामक रुख खातीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती अपने पुराने रूप में लौटती दिखाई दे ही हैं। कांग्रेस पर मायावती के इस बड़े हमले को इन तीन राज्यों में ज्यादा सीटों के लिए कड़े मोलभाव की कवायद के रूप में लिया जा रहा है। मायावती राजनीति में सख्त मोलभाव करने के लिए जानी जाती रही हैं और आज से काफी पहले 1996 में ही इसका सबूत दे चुकी हैं।

तब मायावती ने अविभाजित उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में 300 सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि कांग्रेस को केवल 125 सीटें दी थीं। मायावती के रुख से एक बात अब साफ हो चुकी है कि यूपी में गठबंधन की तस्वीर इन तीनों राज्यों में गठजोड़ के अंतिम रूप ले लेने के बाद ही तय होगी। मायावती ने बुधवार को ग्रैंड ओल्ड पार्टी कांग्रेस को जातिवादी और सांप्रदायिक बताते हुए आरोप लगाया कि वह दूसरे छोटे दलों को खत्म करने के लिए काम कर रही है।

थोड़े समय के अंतराल में ही मायावती का यह कांग्रेस पर दूसरा बड़ा हमला था। इससे पहले बीएसपी सुप्रीमो ने बढ़ती तेल कीमतों को लेकर एनडीए के साथ-साथ यूपीए सरकार की नीतियों को भी जिम्मेदार ठहराया था। अब जबकि इन तीन राज्यों के चुनाव नजदीक आ गए हैं तो मायावती यहां कर्नाटक मॉडल की तरह क्षेत्रीय दलों से समझौता कर सकती हैं। ऐसे में कांग्रेस को नुकसान उठाने की आशंका है।