नई दिल्ली :राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा बयान दे दिया है। इस बयान को लेकर योगी आदित्यनाथ को नोटिस भेज दी गयी है। बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान बजरंगी को दलित बताया, जिसके बाद ब्राह्मण सभा ने हनुमान जी को जाति में बांटने का आरोप लगाते हुए योगी आदित्यनाथ को कानूनी नोटिस भेजा है।इस मामले में बोलते हुए कांग्रेस ने कहा कि ये लोग वोट के लिए जाति को भी नही छोड़ते हैं।अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली को दलित, वनवासी, गिरवासी और वंचित करार दिया। योगी ने कहा कि बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं जो स्वयं वनवासी हैं, गिर वासी हैं, दलित हैं और वंचित हैं।योगी ने अलवर जिले में कांग्रेस पर लगातार हमला बोला और जातिगत वोट बैंक को साधने की कोशिश की। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए देवी-देवताओं और हिंदुत्व के एजेंडे को भी लोगों के बीच रखा।योगी के इस बयान को बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड के साथ-साथ जातिगत वोट बैंक को साधने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। राजस्थान में कुल जनसंख्या का 17।8 फीसदी हिस्सा दलित समुदाय का है। परंपरागत दलित वोट बैंक बीते एक दशक से कांग्रेस छोड़ बीजेपी के साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन इस बार वसुंधरा राजे सरकार को लेकर इस तबके में नाराजगी है।में विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे की नैया पार लगाने के लिए उतरे सीएम योगी आदित्यनाथ ने भगवान बजरंगबली को दलित बताकर नया दांव चला है।