नई दिल्लीः शाहजहांपुर में करंट से झुलसे गरीब मरीज को केजीएमयू में पैसे खर्च कर इलाज हासिल करना पड़ रहा है। जांच से लेकर दवा तक का शुल्क वसूली हो रही है। ऐसा तब है, जब मरीज आयुष्मान योजना के तहत पंजीकृत है। योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का इलाज मरीज को मुफ्त मिल सकता है। योजना का गोल्डन कार्ड होने के बावजूद मरीज को मुफ्त इलाज नहीं मिल पा रहा है।

शाहजहांपुर निवासी कमलेश (28) बिजली विभाग में संविदा पर काम करता है। 16 अक्तूबर को खंभे पर चढ़कर वह तार जोड़ रहा था। अचानक तार में करंट आ गया था। इसमें कमलेश बुरी तरह जख्मी हो गए थे। कमलेश को लेकर ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया था। गांधी वार्ड दो में बेड 11 पर कमलेश का इलाज चल रहा है। बुधवार को मरीज को डेढ़ हजार की दवाएं लिखी गई। डायलिसिस कराई गई। इसके एवज में 1000 रुपये शुल्क जमा कराया गया। गरीब परिवारीजन उधार लेकर मरीज का इलाज करा रहे हैं। मरीज के चाचा हरीश चन्द्र ने बताया कि गरीब मरीज के पास बीपीएल कार्ड है। आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड भी बना है। इसके बावजूद मरीज को पैसे खर्च कर इलाज मिल रहा है।

विधायक की शिकायत बेअसर
भाजपा विधायक रोशन लाल वर्मा ने मरीज कमलेश की केजीएमयू अफसरों से सिफारिश की। नियमानुसार आयुष्मान योजना के तहत इलाज उपलब्ध कराने की गुजारिश की। विधायक की शिकायत व सिफारिश को भी केजीएमयू के अफसर नहीं मान रहे हैं। केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना का लाभ गरीबों को मुहैया कराने में आनाकानी कर रहे हैं।

शाम पांच बजे तक आयुष्मान योजना के तहत इलाज
यदि केजीएमयू में आयुष्मान योजना के तहत इलाज चाहिए तो शाम पांच बजे तक ही बीमार पड़ें। जरूरत पड़ने पर योजना के तहत मरीजों की भर्ती नहीं हो सकती है। भर्ती सिर्फ तय शुल्क चुकाने पर होगी क्योंकि शाम चार बजे के बाद आयुषमान योजना को संचालित करने वाला कोई नहीं है। आयुष्मान योजना को लागू करने में अफसर हीलाहवाली कर रहे हैं। सुबह नौ से शाम पांच बजे तक ही योजना का संचालन हो रहा है। इसके बाद आने वाले मरीजों को पैसे खर्च करने के बाद इलाज मिल रहा है।