लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वाराणसी पुल हादसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक जांच टीम गठित की थी , जिसने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सेतु निगम के एमडी राजन मित्तल को तत्काल हटाने का फरमान सुना दिया।राज्य सरकार की ओर से देर रात लगभग 12 बजे दी गई जानकारी के मुताबिक, जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है। रिपोर्ट में सात अधिकायिों को दोषी पाया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सभी के खिलाफ लोक निर्माण विभाग कठोर दंडात्मक कार्रवाई करें।जांच में दोषी पाए जाने वालों में राजन मित्तल, एससी तिवारी व गेंदालाल के अलावा परियोजना प्रबंधक के.आर सूदन, सहायक परियोजना प्रबंधक राजेंद्र सिंह, अवर परियोजना प्रबंधक लालचंद व अवर परियोजना प्रबंधक शामिल हैं।सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री को सौंपी गई रिपोर्ट में कई स्तर पर खामियां सामने आई हैं। इनमें पाया गया है कि निर्माण की ड्राइंग का अनुमोदन नहीं था। जांच में यह स्पष्ट नहीं हो सका कि निर्माण में उपयोग सीमेंट, बालू एवं ग्रिट का अनुपात निर्धारित मानक के अनुरूप था या नहीं। ऐसा बैच मिक्स प्लांट का रिकॉर्ड नहीं होने के कारण हुआ।गौरतलब है कि हादसे की सूचना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की। योगी खुद मंगलवार की रात वाराणसी पहुंचे और घटनास्थल का दौरा किया। जांच समिति मंगलवार देर रात ही शहर आ गई थी। बुधवार सुबह वाराणसी के सिगरा थाने में निलंबित अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया।सिगरा थाने के इंस्पेक्टर की तहरीर पर सिगरा थाने में सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक, पर्यवेक्षण अधिकारी सहित अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया।