नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार समारोह में कहा कि मम्मी नहीं अम्मा या अम्मी बोलिए इस शब्द के स्वर में गहराई है। उपराष्ट्रपति ने कहा, ”देश में गुलाम मानसिकता अब भी एक बड़ी समस्या है यह जरूरी है। कि हम इंग्लिश सीखें लेकिन इंग्लिशमैन न बने।

आज मम्मी-डैडी बोलना सिखाया जाता है। मम्मी नहीं अम्मा या अम्मी बोलिये। इस शब्द के स्वर में ही गहराई है।” नायडू ने कहा यह ज़रूरी है कि भारत में प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए, केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह करूंगा कि इस बारे में ध्यान दे।

उपराष्ट्रपति ने मातृभाषा के बारे में बोलते हुए कहा, ”मैं राज्य और केंद्र सरकार से इस बारे में आग्रह करूंगा कि हमारे देश में प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में ही हो।सरकारों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।मैं सरकारी स्कूल में पढ़ा, हमारे प्रधानमंत्री किसी कॉन्वेंट स्कूल में नहीं गए। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम किसी बड़े स्कूल में नहीं गए।सभी ऊंचे मुकाम तक गए।” उन्होंने कहा कि मुझे यह देककर खुशी है कि राष्ट्रीय पुरस्कार में अधिकतर शिक्षक सरकारी स्कूल के लिए हैं।