नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक कॉन्फ्रेंस के दौरान शिक्षा को समाज से जोड़ने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञान और शिक्षा सिर्फ किताबी नहीं हो सकते हैं। ऐसे में शिक्षा को लक्ष्य देने और उसे समाज से जोड़ने की जरूरत है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने IIM जैसे संस्थानों को स्वायत्तता देने की शुरुआत कर दी है। अब IIM को अपने कोर्स करिकुलम, टीचर अपॉइंटमेंट, बोर्ड मेंबर अपॉइंटमेंट, विस्तार आदि खुद तय करने के अधिकार मिल गए हैं।

विज्ञान भवन में आयोजित कॉन्फ्रेंस ऑन ऐकडेमिक लीडरशिप ऑन एजुकेशन फॉर रिसर्जेंस को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि सरकार की इनमें अब कोई भूमिका नहीं होगी। भारत में उच्च शिक्षा से जुड़ा यह एक अभूतपूर्व फैसला है। उन्होंने बताया कि हाल में UGC ने ग्रेडेड ऑटोनॉमी रेग्युलेशंस भी जारी किए हैं। इसका उद्देश्य शिक्षा के स्तर को सुधारना तो है ही, इससे उन्हें सर्वश्रेष्ठ बनने में भी मदद मिलेगी। पीएम ने कहा कि इस रेग्युलेशन की वजह से देश में 60 उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों को ग्रेडेड ऑटोनॉमी मिली है।

पीएम ने कहा कि आज देश में करीब 900 विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान हैं। साथ ही देश में लगभग 40 हजार कॉलेज हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा को लेकर एक ऐसी इंटरलिंकिंग होनी चाहिए कि समाज और संस्थान को जोड़े और संस्थानों को भी आपस में जोड़े और सब मिलाकर राष्ट्र के सपनों के साथ जोड़े। पीएम ने कहा कि समाज की जरूरत को ध्यान में रखकर अगर विद्यार्थी उच्च विचार रखेगा तो बड़ा बदलाव आ सकता है।