म्यांमार के सेना प्रमुख ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र को देश की संप्रभुता में दखल का कोई हक नहीं है। सेना प्रमुख ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब संयुक्त राष्ट्र ने रोहिंग्या +अल्पसंख्यकों के खिलाफ जनसंहार के लिए सेना प्रमुख और अन्य शीर्ष जनरलों पर मुकदमा चलाने की अपील की गई थी। यूएन ने अपनी रिपोर्ट मे सेना को राजनैतिक मामलों से दूर रखने की भी सिफारिश की थी तथ्यों का पता लगाने के गठित संयुक्त राष्ट्र के मिशन द्वारा म्यांमार के शीर्ष सैन्य अधिकारियों पर अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) में मुकदमा चलाने की सिफारिश किए जाने के बाद यह सेना प्रमुख की पहली प्रतिक्रिया है। उन्होंने मिशन की अपील को धता बताया है। सेना की ओर से संचालित अखबार ‘म्यावाडी’ ने कमांडर-इन-चीफ आंग ह्लाइंग के हवाले से खबर प्रकाशित की है।सेना प्रमुख ने कहा कि किसी देश, संगठन या समूह को किसी देश की संप्रभुता पर फैसले करने का या दखल देने का अधिकार नहीं है। सेना प्रमुख ने रविवार को सैनिकों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। आंग ह्लाइंग ने कहा, ‘अंदरूनी मामलों में दखल देने वाली बातचीत से गलतफहमी पैदा होती है।’