नई दिल्लीः देश में एक चपरासी पद के लिए इंजीनियर यहां तक कि पीएचडी डिग्री वालों को आवेदन करते हुए आपने सुना होगा। लेकिन अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के लेबर और एम्प्लॉएमेंट विभाग के एक अध्ययन के मुताबिक देश में 87 फीसदी लोगों की कमाई सरकारी विभाग के चपरासी से भी कम है।

अध्ययन के मुताबिक, देश में 87 फीसदी लोगों की एक महीने का आमदनी 10,000 रुपये से कम है। इसमें 82 फीसदी पुरुष और 92 फीसदी महिलाएं शामिल हैं। इसकी तुलना इसी दौर में सातवें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम सैलरी 18,000 महीना से की गई है।

स्वरोजगार के मोर्चे पर 85%लोग ऐसे हैं जिनकी महीने की आमदनी 10 हजार रुपये से नीचे है। इसमें 41.3 % लोग ऐसे हैं जिनकी कमाई 5 हजार से कम है। 26% लोग खुद का काम करके 5 हजार से 7.5 हजार रुपये महीना कमा पाते हैं। इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले अमित बसोले ने बताया है कि इस अध्य्यन में लेबर ब्यूरो के रोजगार सर्वे 2015-16 के आंकड़े और नेशनल सैंपल सर्वे के आंकड़े शामिल किए गए हैं।