नई दिल्लीः ”घर के बाहर मेरा बेटा खेल रहा था. इसी दौरान लोगों ने हमला कर दिया. वो सदमे में है।”, ”मुझसे पूछा गया कि मैं कहां से हूं। मैंने झूठ बोला और कहा कि मैं राजस्‍थान से हूं। फिर मैंने राजस्थान के एक जिले के नाम बताए। मैं समझाने में कामयाब रहा कि मैं यूपी, बिहार या एमपी से नहीं हूं। मैं आगे बढ़ गया। लेकिन उन लोगों (हमलावरों) ने एक गाड़ी में आग लगा दी।”, ”सुबह 9 बजे से पहले गुजरात छोड़ दो वर्ना मारा जाएगा।” धमकियों और हमलों के डर से गुजरात छोड़ने को मजबूर हुए हजारों लोगों में से ये वो चंद बदहवास लोग हैं जिन्होंने अपनी कहानी एक अंग्रेजी अखबार को बयां की।

दरअसल, गुजरात के साबरकांठा जिले में रेप के बाद से स्थानीय संगठन और लोग गैर-गुजरातियों को निशाना बना रहे हैं। रेप का आरोप बिहार के रहने वाले रविंद्र साहू नाम के एक मजदूर पर है। इसी बहाने हिंदी भाषी बिहार, यूपी और एमपी के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। स्थानीय लोगों के हमलों के डर से फैक्ट्रियों ने काम देने से इनकार कर दिया है। आज हजारों लोग रोजगार छोड़, जान की सुरक्षा के लिए घर वापस लौट रहे हैं। लोगों को महाराष्ट्र और असम में हुए हमलों की याद आ रही है।