नई दिल्लीः मजदूरों और वर्कमैन को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्कमैन कम्पनसेशन ऐक्ट के तहत दिये जाने वाले मुआवजे की रकम पर ब्याज घटना के दिन से देय होगा, न कि अवॉर्ड देने के दिन से। जस्टिस एएम सप्रे की पीठ ने मजदूरों के कल्याण की यह व्यवस्था एक फैसले में दी। इस मामले में नियोक्ता ने मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाया था। उसने कर्मचारी की पत्नी को दिए गए मुवावजे को चुनौती दी थी। इस कर्मचारी की काम के दौरान मौत हुई थी।

लेबर आयुक्त ने कर्मचारी को अवॉर्ड रकम पर 12 फीसदी ब्याज देने का आदेश दिया था। ब्याज की यह रकम अवॉर्ड देने के 45 दिन बाद शुरू होनी थी। कर्मचारी की ओर से यह मामला न तो हाईकोर्ट और न ही सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिर भी उसके पक्ष में फैसला दे दिया। पीठ ने कहा कि कर्मचारी को मुआवजा अवॉर्ड पर दिया जाने वाला ब्याज घटना के दिन से चालू होगा। यह पहले से तय है कि मजदूर को काम के दौरान चोट लगने के दिन से ही मुवावाज मिलेगा।

कानून के खिलाफ

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आयुक्त का ब्याज देने के लिए अलग से तारीख तय करना गलत और कानून के खिलाफ है। कोर्ट ने आदेश दिया कि वर्कमैन के परिजनों को 12% ब्याज घटना के दिन से ही दिया जाए।