नई दिल्लीः धारा 377 के बाद अब धारा 497 गैरआपराधिक हो गई है लेकिन तीन तलाक को आपराधिक है। क्या इंसाफ है मित्रों आपका, बीजेपी क्या करेगी? सुप्रीम कोर्ट ने नहीं कहा कि तीन तलाक असंवैधानिक है लेकिन इसे खत्म कर दिया। लेकिन सर्वोच्च अदालत ने कहा कि 377 और 497 असंवैधानिक है। क्या मोदी सरकार इन फैसलों से सीख लेगी और तीन तलाक पर अपना असंवैधानिक अध्यादेश वापस लेगी।

उन्होंने कहा, ”मेरा विचार है कि तीन तलाक अध्यादेश को कोर्ट में चुनौती देनी चाहिए क्यों ये एक फ्रॉड है। अध्यादेश के पहले पेज में सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताया है जबकि कोर्ट ने ऐसी कोई बात नहीं कही है बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे खत्म कर दिया।”

सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार पर फैसला
सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से व्यभिचार की धारा को खत्म कर दिया। बेंस की सदस्य जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने कहा, “मैं धारा 497 को खारिज करती हूं।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये कानून 157 साल पुराना है, हम टाइम मशीन लगाकार पीछे नहीं जा सकते। हो सकता है जिस वक्त ये कानून बना हो इसकी अहमियत रही हो लेकिन अब वक्त बदल चुका है, किसी सिर्फ नया साथी चुनने के लिए जेल नहीं भेजा सकता।