मुबंईः दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार अभिनीत ‘सौदागर’, ‘कर्मा’ और ‘विधाता’ का निर्देशन कर चुके वरिष्ठ फिल्मकार सुभाष घई का कहना है कि भारतीय सिनेमा के शहंशाह को इस हालत में देखकर उन्हें दुख हो रहा है। मंगलवार को यहां आईएएनएस मुख्यालय पहुंचे घई, दिलीप कुमार से हाल ही में हुई मुलाकात के बारे में पूछने पर भावुक हो गए।घई ने कहा, “मैं दिलीप साहब से इतना प्यार करता हूं कि मैं उनसे अब और नहीं मिलना चाहता। मैं उन्हें इस हालत में नहीं देख सकता। मैं जब उन्हें देखता हूं तो मुझे रोना आ जाता है, क्योंकि हम एक-दूसरे को 20-22 सालों से जानते हैं और मैंने उन्हें मेरे भाई की तरह प्यार किया है। वह मुझे पहचानने में असमर्थ हैं, वह किसी को नहीं पहचान पा रहे.. वह और ज्यादा कमजोर हो रहे हैं और उन्हें देखते हुए मैं खुद से कहता हूं कि जीवन में कभी घमंड नहीं करना चाहिए।”उन्होंने कहा कि दिलीप कुमार भारतीय सिनेमा के शहंशाह रहे हैं और आज वह कुछ भी करने में असमर्थ हैं।

घई ने कहा, “मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह बिना किसी कष्ट के शांतिपूर्वक जाएं। उन्होंने फिल्मों के लिए जो किया है, उससे वह हमेशा ही सिनेमा के शहंशाह रहेंगे, क्योंकि राजा भी शहंशाह का अनुसरण करते हैं। उनकी छत्रछाया में लगभग 11 दिलीप कुमारों ने जन्म लिया, और वे अब सुपरस्टार बन गए हैं। दिलीप साहब अपने आप में एक संस्थान हैं।