नई दिल्ली: देश के अंतरिम वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारतीयों द्वारा स्विस बैंक में जमा किए गए धन के आंकड़े स्विटजरलैंड के साथ हुए एक स्वत: सूचना आदान-प्रदान करार के तहत सरकार को 2019 से उपलब्ध होंगे। पीयूष गोयल ने इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंट्स ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि बीते साल नवंबर में भारत और स्विट्जरलैंड के बीच स्वत: सूचना आदान-प्रदान समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था।
उन्होंने कहा, “मुझे (मीडिया रपटों से) पता चला है कि विदेश भेजी हुई रकम में 40 फीसदी की वृद्धि हुई है, ऐसा रिजर्व बैंक के उदारीकृत विप्रेषण योजना के कारण है, जिसे पूर्ववर्ती (संप्रग) सरकार लाई थी। इसके तहत देश में रहने वाला कोई व्यक्ति 250,000 डॉलर प्रति वर्ष विप्रेषित कर सकता है।”उन्होंने कहा, “इसमें देश में नहीं रहने वाले भारतीयों का जमा भी शामिल है। अगर कोई गड़बड़ी सामने आती है तो हम कार्रवाई करेंगे। हमारी सरकार के कालाधन के खिलाफ विभिन्न उपायों से स्विस बैंक में जमा राशि में कमी हो रही है।” आंकड़ों से पता चलता है कि लगातार तीन साल तक गिरावट के बाद भारतीयों द्वारा स्विस बैंक में जमा धन में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। यह बीते साल के मुकाबले 2017 में 1.02 अरब स्विस फ्रैंक हो गई।

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