नई दिल्लीः 2019 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले विपक्षी दलों के प्रधानमंत्री पद का चेहरा कौन होगा? इस सवाल पर बड़ी पार्टियों ने चुप्पी साध रखी है। इस बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला ने प्रधानमंत्री पद के लिए बड़ा बयान दिया है।उन्होंने बीएसपी अध्यक्ष मायावती के नाम की वकालत करते हुए कहा, ”सभी विपक्षी दलों को इकट्ठा करके हम बहन मायावती जी को इस देश के प्रधानमंत्री के पद पर बैठाने का काम करेंगे।”

शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में दोषी चौटाला पैरोल पर दो सप्ताह के लिए जेल से बाहर आए हैं।उन्होंने अपने पिता देवी लाल की 105वीं जयंती पर गोहाना में आयोजित रैली के दौरान कहा, ”अगर पढ़े-लिखे बच्चों को नौकरी देना गुनाह है तो वह ऐसा गुनाह बार-बार करेंगे, चाहे उसके लिए उन्हें फांसी क्यों न चढ़ना पड़े।”

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने साजिश के तहत प्रदेश के 3200 पढ़े-लिखे बच्चों को नौकरी देने के लिए मुझे जेल भिजवाया। मेरे जेल जाने के बाद कांग्रेस समझी कि इनेलो खत्म हो जाएगी, लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं ने मेरी गैरहाजिरी में पार्टी को और मजबूत बनाया है।” ओम प्रकाश चौटाला के बेटे अभय सिंह चौटाला ने इस मौके पर दावा किया है कि हरियाणा में आईएनएलडी (इनेलो)-बीएसपी की सरकार बनेगी।

प्रधानमंत्री पद के लिए मायावती का नाम आगे किये जाने और कांग्रेस पर निशाना साधने के बाद सवाल उठता है कि आईएनएलडी कैसे लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को एकजुट करेगी? कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद भी प्रधानमंत्री पद के लिए मायावती के नाम पर अटकलें लगी थी। हालांकि सभी विपक्षी दलों ने चुप्पी साधे रखी। विपक्षी दलों का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराना मकसद है।प्रधानमंत्री पद पर फैसला चुनाव बाद किया जाएगा।