नई दिल्लीः अब फ्लाइट में यात्रियों को मोबाइल फोन्स को बंद करने या फिर इंटरनेट का इस्तेमाल न करने के झंझट से दो-चार नहीं होना पड़ेगा। हालांकि फिलहाल यात्रियों को मोबाइल पर इंटरनेट इस्तेमाल करने की ही इजाज़त होगी और सुरक्षा कारणों के चलते वे किसी भी तरह की कॉल हवाई यात्रा के दौरान नहीं कर पाएंगे।

टेलिकॉम विभाग की सचिव अरुणा सुंदरराजन ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि फ्लाइट्स में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर फाइल नोटिफिकेशन कानून मंत्रालय को भेज दिया गया है। एक बार इसके अप्रूव हो जाने पर भी सभी को बता दिया जाएगा कि यह कब से लागू होगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि फ्लाइट्स में फिलहाल वॉइस कॉल पर पाबंदी रहेगी। सुंदरराजन के अनुसार, वॉइस पर फिलहाल गेटवे इशू है। इसके लिए भारत में पहले मोबाइल वॉइस गेटवे की ज़रूरत है।

कैबिनेट सचिव के नेतृत्व में सचिवों की कमिटी ने स्पष्ट कर दिया है कि वॉइस सर्विसेज़ की सुविधा देने के लिए सिर्फ भारतीय या लोकल गेटवेज़ और सेटेलाइट्स का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। संभावित सुरक्षा मुद्दों को ध्यान में रखते हुए सचिवों की कमिटी ने भारतीय गेटेव को प्राथमिकता दी। हालांकि, माना जा रहा है कि ट्राई (TRAI) ने इनफ्लाइट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए इंटरनैशनल गेटवे के इस्तेमाल पर कोई विरोध नहीं जताया था।

दूरसंचार मंत्रालय पहले ही विमानन सचिव और विमानन कंपनियों और दूरसंचार ऑपरेटरों के प्रतिनिधियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर चुका है। भारत में गेटवे के लिए कंपनियों को उपकरणों के लिए ज़मीन के साथ-साथ अंतरिक्ष में निवेश करने की भी आवश्यकता होगी। इसके अलावा और भी कई समस्याएं हैं, जिनमें एयरक्राफ्ट के अपग्रेडेशन और उनके द्वारा इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराने की क्षमता शामिल है।