पूर्वोत्तर राज्यों के लिए जल्द ही नए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा की होगी खोज
नई दिल्ली,। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए जल्द ही स्वास्थ्य एवं चिकित्सा देखभाल क्षेत्र में नई पहलों की खोज करेगी इसकी जानकारी देते हुए आज पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इन पहलों की व्यावहार्यता पर पूरी तरह सरकारी कंपनियों द्वारा या सार्वजनिक- निजी भागीदारी द्वारा काम किया जाएगा फिलहाल इस बारे में कोई सरकार द्वारा फैसला नहीं लिया गया है। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने अपोलो हॉस्पिटल की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुश्री संगीता रेड्डी के नेतृत्व में चिकित्सा/ स्वास्थ्य उद्यमियों की एक टीम के साथ एक मुलाकात के दौरान यह विषय चर्चा में आई। रेड्डी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा देखभाल की संभावनाओं को देखते हुए चिकित्सा क्षेत्र में सार्वजनिक – निजी भागीदारी पहल के लिए पत्र डॉ. जितेन्द्र सिंह को सौंपा।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर के कई राज्यों ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण की मांग की है।साथ ही यह भी जानकारी दी की पूर्वोत्तर राज्यों में दर्जन चिकित्सा महाविद्यालयों के होने के बावजूद क्षेत्र स्वास्थ्य संसधनों के आभाव से गुजर रहा है। समाज के सभी वर्गों के बीच बढ़ती स्वास्थ्य जागरुकता के साथ न केवल सेवाओं की पर्याप्त उपलब्धता के साथ साथ स्वास्थ्य गुणवत्तापूर्ण देखभाल की जरूरत है जिससे इस क्षेत्र के लोगों को इलाज़ के लिए लंबी यात्राएं न करनी पड़े। इस क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल तंत्र को सुदृढ़ बनाने से पड़ोसी देशों के लोग भी इलाज़ के लिए पूर्वोत्तर आ सकते हैं जिससे क्षेत्र में राजस्व का वृद्धि होगा और आर्थिक उन्नति को मदद मिलेगा।