नई दिल्ली,। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुर्नउद्धार मंत्री उमा भारती ने आज कहा कि केन्द्र ने नमामी गंगे परियोजना के लिए राज्यों का अंशदान समाप्त करने का प्रस्ताव किया है और इस परियोजना के तहत सभी परियोजनाओं के लिए अब शत-प्रतिशत राशि केन्द्र द्वारा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नमामी गंगे परियोजना के लिए बीस हजार करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं।सुश्री उमा भारती ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में अपने मंत्रालय के एक वर्ष के कार्यकाल का ब्यौरा देते हुए बताया कि जब उन्होंने प्रधानमंत्री को नमामी गंगे की परियोजनाओ के लिए राज्य की मैचिंग ग्रांट के ऊपर निर्भर रहने पर परियोजनाओ में विलंब होने की जानकारी दी तो प्रधानमंत्री ने तुरंत वहीं वित्त मंत्रालय को निर्देश दिया कि इन परियोजनाओं के लिए शत-प्रतिशत वित्तीय राशि उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि अब राज्यों को एक भी पैसा देने की जरूरत नहीं है।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि गंगा बेसिन (थाले) के निकट उद्योगों और नगरपालिकाओं को नोटिस जारी कर उन्हें तीन महीने के भीतर नदी में गिरने वाले प्रदूषक तत्वों को रोकने की कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया गया है।सुश्री भारती ने कहा कि उनके मंत्रालय ने गंगा में जहरीले तत्वों से निपटने के लिए रणनीति तैयार की है। इस रणनीति के तहत मछुआरों को भी रोजगार मिल सकेगा। नदियों को आपस में जोड़ने के बारे में उन्होंने कहा कि केन-बेतवा नदियों के जोड़े जाने को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया है और उनका मंत्रालय हर प्रकार की मंजूरी हासिल करने के लिए तेजी से काम कर रहा है।