एक दूसरे की संस्कृति का सम्मान करें लोग- राज ठाकरे
मुंबई,। देश में हर किसी को अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए, लेकिन हम जहां जाते हैं वहां की संस्कृति को भी अपनाना चाहिए। सिख समुदाय महाराष्ट्र में आएं और वें यहीं के होकर रहें, इस पर हमें कोई एतराज नहीं है। यह व्यक्तव्य महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने एक कार्यक्रम में दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पुणे के पालक मंत्री गिरीश बापट, अखिल भारती मराठी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष सदानंद मोरे, सरहद संस्था के संजय नहार सहित कई गणमान्य मौजूद थे।राज ठाकरे ने कहा कि संत नामदेव ने पंजाब में जो कार्य किया वह उससे दो राज्यों के बीच एक सांस्कृतिक धागा जुड़ा है। उन्होंनें मुख्यमंत्री बादल की प्रशंसा करते हुए कहा कि मानसून की शुरूआत में ही ‘बादल’ महाराष्ट्र में दाखिल हुए हैं। इससे राज्य में सूखे की समस्या का हल हों। आगे उन्होंने कहा कि मेरा किसी भी राज्य को विरोध नहीं है। बस एक दूसरे का सम्मान करों यही मेरा कहना है। मुख्यमंत्री फड़णवीस ने कहा कि पंजाब के घुमान में अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के लिए पंजाब सरकार का जो सहयोग मिला वह काफी सराहनीय है। यह ऐेतिहासिक सम्मेलन बना। आगे उन्होंने कहा कि सिख और मराठी लोगों ने देश की स्वाधीनता में अपना खुद का हित न देखते हुए देश को मुक्त करने के लिए काम किया। घुमान के सम्मेलन में यह समान विचारों के लोग काफी सालों बाद फिर एक बार साथ देखने को मिलें। इस विरासत को हम आगे ले जानेवाले हैं।