जाट आरक्षण आंदोलन दौरान मुरथल-गन्नौर के बीच मचे उपद्रव दौरान काले सच की परतें धीरें-धीरें खुल रही हैं। आए दिन उपद्रव के पीड़ित व मामले के चश्मदीद सामने आ रहे हैं और नए खुलासे कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक किसी ने भी यह दावा नहीं किया कि उनके सामने महिलाओं से दुराचार हुआ परंतु इतना जरूर बताया जा रहा है कि उन्होंने लड़कियों के कपड़े फाड़े जाते हुए व उनके साथ छेडख़ानी होते हुए देखा गया है।
पंजाब से अपनी जली गाडिय़ां लेने के लिए 2 चश्मदीद शनिवार को मुरथल पहुंचे। इन चश्मदीदों ने आंखों देखा हाल यहां मीडिया को बताया। दोनों ने सोमवार को दिन के समय हुए उपद्रव दौरान हुई घटना का जिक्र किया। वहीं, एक चश्मदीद, जो अपनी एक रिश्तेदार को कार से दिल्ली एयरपोर्ट छोडऩे जा रहा था, ने बताया कि राजमार्ग पर जाम में वह भी फंस गए थे। चश्मदीद ने एक चैनल को बताया कि उसी दौरान आंदोलनकारी पीछे रह गई कुछ महिलाओं को उठा कर ले गए। वे चिल्ला रहे थे कि इनके साथ रेप करेंगे और उन्होंने वही किया भी। चश्मदीद के मुताबिक वह अपनी मौसी को लेकर बामुश्किल वहां से भागा लेकिन वह इस हादसे से सदमे में आ गईं।
पहला चश्मदीद- राजपुरा निवासी यादवेंद्र उर्फ सोनी ने बताया कि सोमवार को वह ट्रक लेकर जा रहा था लेकिन आंदोलन के कारण जाम में फंस गया और उसने लोहे के सामान से भरा ट्रक अपोलो स्कूल के पास खड़ा कर दिया। उसने देखा कि जमकर उत्पात मचाया जा रहा है। गाडिय़ों को तोड़ा जा रहा था। वह अपना बैग जिसमें करीब साढ़े 6 हजार रुपए थे को ट्रक में छोड़कर किसी तरह बच निकला। जान बचाकर वह खेतों की तरफ भाग गया।खेतों में कुछ युवक महिलाओं से छेड़छाड़ कर उनके कपड़े फाड़ रहे थे तथा महिलाएं मदद के लिए चिल्ला रही थीं। उसने करीब 4-5 लड़कों व 2-3 लड़कियों को खेतों में देखा था। उसने अपोलो स्कूल के पीछे भी छेड़छाड़ व लड़कियों के कपड़े फाड़ते हुए कुछ युवकों को देखा था। उन्होंने बताया कि महिलाओं ने हाईवे पर बने सुखदेव ढाबे में जाकर जान बचाई। वहीं ढाबे के मालिक ने भी बताया कि 22 फरवरी को तड़के 3 बजे मेरे कर्मचारियों ने मुझे फोन करके बताया था कि महिलाएं मदद के लिए चिल्ला रही हैं। वह ढाबे के अंदर से महिलाओं के चिल्लाने की आवाज सुन रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिना कपड़ों के एक महिला सड़क पर दौड़ते हुए वहीं छुप गई जहां गले तक पानी था।
दूसरा चश्मदीद- पठानकोट निवासी निरंजन ने बताया कि वह अपने ट्रक में जम्मू से दवाइयां लेकर पहुंचा था। किसी तरह वह गन्नौर तक पहुंचा और यहां स्कूल के सामने आकर जाम में इस कदर फंस गया कि अब यहां से निकलना मुश्किल था। ऐसे में वह पैदल ही चल दिया और कुछ दूरी पर देखा कि जमकर उत्पात मचाया जा रहा है। वहां गाडिय़ों पर डंडे बरसाए जा रहे थे। कुछ युवक महिलाओं को कह रहे थे वे खेतों की तरफ से निकल जाएं लेकिन जैसे ही ये महिलाएं खेतों की तरफ से निकलने लगीं तो युवकों ने वहां पर उनके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी और उनके कपड़े फाडऩे शुरू कर दिए। हालांकि,उसने किसी के साथ बलात्कार होते हुए नहीं देखा।
तीसरा चश्मदीद- जम्मू से दिल्ली के लिए ट्रक में सेब लेकर जा रहे अब्दुल ने बताया कि रविवार की रात को जो दृश्य उसने देखा वह रौंगटे खड़े करने वाला था। गाडिय़ों से महिलाओं को खींचकर बाहर निकाला जा रहा था। महिलाओं पर लाठियां बरसाई जा रही थी। इस दौरान जो महिलाएं बच सकी वे भागकर पास की झाडिय़ों में जाकर छिप गई। महिलाओं के साथ इससे आगे क्या हुआ, यह उन्होंने नहीं देखा।