वस्‍त्र सचिव श्रीमती रश्मि वर्मा ने आज ग्रेटर नोएडा स्‍थित इंडिया एक्‍सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित रंगारंग समारोह के दौरान ‘आईएचजीएफ-दिल्‍ली वसंतोत्‍सव 2017’ के 43वें संस्‍करण का उद्घाटन किया। यह मेला ग्रेटर नोएडा स्‍थित अत्‍याधुनिक इंडिया एक्‍सपो सेंटर में 16 से लेकर 20 फरवरी, 2017 तक आयोजित किया जाएगा।

इस मेले का उद्घाटन करते हुए वस्‍त्र सचिव ने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड्स में आईएचजीएफ-दिल्‍ली मेले को स्‍थान दिलाने में मदद करने के लिए ईपीसीएच को बधाई दी। श्रीमती वर्मा ने कहा कि जब भी वह मेले का मुआयना करने जाती हैं तो उन्‍हें नई उत्‍पाद श्रृंखला देखने को मिलती है। उन्‍होंने कहा कि यही कारण है कि दुनिया भर से बड़ी संख्‍या में खरीदार अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए आईएचजीएफ में आते हैं।

उन्‍होंने यह भी कहा कि प्रतिस्‍पर्धी बनने के लिए क्राफ्ट क्‍लस्‍टरों में कार्यरत भारतीय हस्‍तशिल्‍प के कारीगरों एवं निर्माताओं का मार्गदर्शन किया जाना चाहिए, ताकि वे नए उत्‍पादों का सृजन कर सकें। उन्‍होंने कहा कि विभिन्‍न क्राफ्ट क्‍लस्‍टरों में कार्यरत कारीगरों, शिल्‍पकारों और नए उद्यमियों की सहायता करने और आईएचजीएफ-दिल्‍ली मेले में उन्‍हें प्‍लेटफॉर्म सुलभ कराने में ईपीसीएच अहम भूमिका निभा रही है, ताकि वे अंतर्राष्‍ट्रीय खरीदारों से उनका सीधा संवाद संभव हो सके। इस प्रत्‍यक्ष क्रेता-विक्रेता बैठक के जरिए भारतीय हस्‍तशिल्‍प का न केवल निर्यात बढ़ेगा, बल्‍कि इनकी बदौलत विश्‍व भर के घरेलू, फैशन, लाइफस्‍टाइल एवं वस्‍त्र बाजार में भारत की छवि और बेहतर हो सकती है।

आईएचजीएफ दिल्‍ली वसंतोत्‍सव 2017 के 43वें संस्‍करण का उद्घाटन
आईएचजीएफ दिल्‍ली वसंतोत्‍सव 2017 के 43वें संस्‍करण का उद्घाटन

वस्‍त्र सचिव ने इस बात पर काफी संतुष्‍टि जताई कि लकड़ी की वस्‍तुओं के लिए दिए जा रहे ‘वृक्ष’ प्रमाण पत्र को विश्‍व भर में स्‍वीकार किया गया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि विकास आयुक्‍त (हस्‍तशिल्‍प) का कार्यालय हस्‍तशिल्‍प वस्‍तुओं की ब्रांडिंग की दिशा में ठीक उसी तरह से अथक प्रयास कर रहा है, जिस तरह से हथकरघा क्षेत्र के लिए ‘इंडिया हैंडलूम’ ब्रांड को लांच किया गया है। श्रीमती वर्मा ने कहा कि इससे अंतर्राष्‍ट्रीय बाजारों में हस्‍तशिल्‍प उत्‍पादों से जुड़े गुणवत्‍ता आश्‍वासन, प्रमाणन एवं बिक्री करने में मदद मिलेगी।

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री राकेश कुमार ने कहा कि एक ही छत के नीचे हस्‍तशिल्‍प उत्‍पादकों के सबसे बड़े समूह के रूप में आईएचजीएफ-दिल्‍ली मेले को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड्स में स्‍थान दिलाने का श्रेय प्रत्‍येक हितधारक को जाता है, जिनमें प्रदर्शक, खरीदार, विकास आयुक्‍त (हस्‍तशिल्‍प) का कार्यालय और ईपीसीएच की टीम शामिल हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि आईएचजीएफ-दिल्‍ली मेले के अगले संस्‍करण के दौरान ईपीसीएच डिजाइन संबंधी पंजीकरण के लिए एक प्रक्रिया पेश करेगी, ताकि विभिन्‍न वस्‍तुओं के सृजकों के हितों की रक्षा हो सके और निर्माताओं के समुदाय में उत्‍पादों की नकल करने की प्रवृत्‍ति को हतोत्‍साहित किया जा सके।

जानी-मानी अंतर्राष्‍ट्रीय खरीदार कंपनियों जैसे कि न्‍यू एडिशन होम बी.वी. नीदरलैंड; टीओके एंड स्टोक, ब्राजील; ईएंडएल, ऑस्ट्रेलिया; रूस्‍ट, अमेरिका; एक्सेंट डेकोर इंक अमेरिका; टूज कंपनी इंक., अमेरिका; मोइज होम, कनाडा ; कंगारू जीएमबीएच, जर्मनी; और कॉपिको, वेनेजुएला के खरीदार मेले के इस संस्‍करण में आए हुए हैं। विदेशी खरीदारों के अलावा भारत की अनेक प्रमुख रिटेल चेन के घरेलू खुदरा खरीदारों के साथ-साथ ई-कॉमर्स कंपनियों के खरीदार भी इस मेले में नियमित रूप से आते रहे हैं। पिछले संस्‍करणों की तरह इस मेले के पहले दिन भी काफी गहमागहमी रही। विभिन्‍न खरीदार मार्ट के परिसर के साथ-साथ प्रदर्शनी वाले हॉल में भी व्‍यावसायिक सौदे करने में जुटे रहे।

अप्रैल 2016-जनवरी 2017 के दौरान हस्‍तशिल्‍प निर्यात में रुपये के लिहाज से 13.06 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और कुल मिलाकर 20,282.18 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ। इस दौरान डॉलर के लिहाज से हस्‍तशिल्‍प निर्यात में 9.43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और कुल मिलाकर 3018.58 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ। ईपीसीएच के अध्‍यक्ष श्री दिनेश कुमार ने कहा कि वर्ष 2016-17 के लिए निर्यात लक्ष्‍य 3600 मिलियन अमेरिकी डॉलर (23,560.00 करोड़ रुपये) का रखा गया है और परिषद को यह लक्ष्‍य पा लेने का भरोसा है।

हस्‍तशिल्‍प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच), जो हस्‍तशिल्‍प के संवर्धन एवं विकास के लिए एक प्रमुख एजेंसी है, पिछले 23 वर्षों से भारतीय हस्‍तशिल्‍प एवं उपहार मेले का आयोजन कर रही है। आईएचजीएफ-दिल्‍ली वसंतोत्‍सव 2017 में बड़ी संख्‍या में पूछताछ होने और ऑर्डर मिलने की आशा है।

( Source – PIB )

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