चंदन की लकड़ी का निर्यात: वाणिज्य मंत्रालय ने आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के लिए समयसीमा तय की
चंदन की लकड़ी का निर्यात: वाणिज्य मंत्रालय ने आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के लिए समयसीमा तय की

वाणिज्य मंत्रालय ने चंदन की लकड़ी के निर्यात के तौर तरीके को अंतिम रूप देने और प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु की सरकारों के लिए समयसीमा निश्चित कर दी है।

इन लकड़ियों के निर्यात के तौर तरीके को अंतिम रूप देने और प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए आंध्रप्रदेश को 30 अप्रैल, 2019 तक का समय दिया गया जबकि अन्य दो राज्यों को 31 अगस्त, 2018 तक का वक्त दिया गया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय :डीजीएफटी: ने कहा है, ‘‘महाराष्ट्र और तमिलनाडु की सरकारों के लिए चंदन की लकड़ी की संबंधित आवंटित मात्राओं के निर्यात के तौर तरीके को अंतिम रूप देने और प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 31 अगस्त, 2018 तक का वक्त दिया गया है। ’’ डीजीएफटी ने एक अधिसूचना में यह भी कहा कि राजस्व खुफिया निदेशालय को भी 30 अप्रैल, 2018 तक इन गतिविधियों को पूरा करने अनुमति दी गयी है।

उसने कहा कि आंध्रप्रदेश सरकार को अपने आप या किसी अधिकृत निकाय के मार्फत 30 अप्रैल तक इन लकड़ियों के मूल्यवर्धित उत्पादों का निर्यात पूरा करने की इजाजत दी गयी है।

यह लड़की वनस्पतियों एवं जीव-जंतुओं की संकटापन्न प्रजातियों की अंतरराष्ट्रीय व्यापार संधि के तहत संरक्षित वनस्पति की संकटापन्न प्रजाति है। इसे रखना और बेचना अवैध है। चंदन की लकड़ी आंधप्रदेश में रायलसीमा क्षेत्र में कडप्पा, चित्तूर, और कुरनूल में फैली शेषचलम पहाड़ियों और नेल्लोर जिले के कुछ हिस्सों में पायी जाती है। उसकी विदेशों खासकर चीन और जापन में भारी मांग है जहां उसे बडी कीमत मिलती है। कुछ रिपोटरें के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में चंदन 25 लाख प्रति टन की दर से बिकता है।

( Source – PTI )

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