दार्जिलिंग पहाड़ियों में प्रशासन की कमान संभालने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने आज बागी जीजेएम नेता के नेतृत्व में एक पैनल के गठन की घोषणा की। लेकिन अलग गोरखालैंड के लिए आंदोलन की अगुवाई कर रहे संगठन ने इस कार्रवाई को जनता की आकांक्षाओं का मखौल उड़ाना बताया।
आंदोलन के अगुआ संगठन गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) को तगड़ा झटका देने की कोशिश में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज जीजेएम के नेता बिनय तमांग को बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। इस पर जीजेएम ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस मुद्दे का समाधान केंद्र, राज्य सरकार और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बीच त्रिपक्षीय वार्ता से ही निकलेगा।
ममता ने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ आज हमने नौ सदस्यीय बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स के गठन का महत्वपूर्ण फैसला लिया है।’’ बागी जीजेएम सदस्यों बिनय तमांग और अनित थापा को बोर्ड का क्रमश: अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष बनाया गया है। छह अन्य सदस्य उन संगठनों से हैं जो गोरखालैंड की मांग और जीजेएम के नेतृत्व वाले आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं।
ममता ने कहा कि यह पैनल गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) की जगह लेगा। जीटीए पर पहले जीजेएम का नियंत्रण था। उन्होंने कहा कि जब तक जीटीए के चुनाव कराने लायक माहौल नहीं बन जाता तब तक पहाड़ी क्षेत्रों में विकास कार्य नया प्रशासन देखेगा।
ममता की घोषणा के बाद जीजेएम ने तमांग और थापा को प्रशासन पैनल में शामिल करने पर आपत्ति जताई क्योंकि उन्हें संगठन ने बाहर कर दिया है।
( Source – PTI )