भूमि विधेयक राज्यसभा में पास न हुआा तो संयुक्त सत्र-अरूण जेटली
स्टेनफौर्ड (अमेरिका),। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि राज्य सभा में भूमि अधिग्रहण विधेयक पारित नहीं होने पर संसद का संयुक्त सत्र बुलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का पारित होना अगले चरण के आर्थिक सुधारों की कामयाबी और भारत के आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। श्री जेटली ने स्टैनफोर्ड इंस्टीच्यूट फॉर इकानामिक पालिसी रिसर्च में अपने व्याख्यान में कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि भारत में आर्थिक सुधारों का यह महत्वपूर्ण कदम अमल में आए ।’ उन्होंने कहा ‘मेरे विचार से 2013 में जिस भूमि अधिग्रहण कानून को मंजूरी मिली थी, उससे ग्रामीण भारत के पूर्ण विकास में बाधा पैदा की है। भारत की लगभग 55 प्रतिशत आबादी गावों में रहती है।’ भूमि संशोधन विधेयक के बारे में वित्त मंत्री जेटली ने कहा, ‘यह राजनीतिक तौर पर बेहद विवादास्पद हो गया है। यह फिलहाल संयुक्त समिति के विचाराधीन है ।इसका क्या अंजाम होता है यह अऩिश्चित है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि संयुक्त समिति कुछ सहमति वाले समाधान लेकर आएगी । यदि सहमति नहीं बन पाती है और दोनों सदन एक दूसरे से असहमत रहते हैं तो दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में इसे रखा जाएगा ।’वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि सरकार सुधारों को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है । उन्होंने कहा ‘हमने पहला साल पूरा कर लिया है, कुछ महत्वपूर्ण लेकिन भारतीय पैमाने पर हल्का सुधार हुआ है ।’ वित्त मंत्री ने कहा कि घर के अंदर की व्यवस्था ठीक रखने के लिए बुनियादी मानदंड तय कर लिए गए हैं । उन्होंने कहा भारत की सुधारों की भूख बढी है । देरी भले हुई हो पर अंतत: कोई पहल रुकी नहीं है। उन्होंने कहा ‘इसे भारतीय राजनीति की परिपक्वता माना जा सकता है।’ जेटली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के ज्यादातर क्षेत्र खुल गये हैं। विदेशी निवेश को अब अतिरिक्त संसाधन के तौर पर देखा जा रहा है।