बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना संग्रहालय की अधिकांश दीर्घाओं का अवलोकन किया।
नीतीश ने पटना संग्रहालय में लगभग तीन घंटे बिताये और संग्रहालय के बाहरी हिस्से के चारों तरफ जाकर निरीक्षण किया और अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये।
पटना संग्रहालय का निरीक्षण करने के बाद नीतीश ने पत्रकारों से कहा कि जो हमारा पटना संग्रहालय है, उसके बहुत सारे प्रदर्श ऐसे हैं, जो जगह की कमी के कारण ठीक ढ़ंग से प्रदर्शित नहीं किये जा रहे हैं। उसमें बहुत सारी चीजें जगह मिलने से और ज्यादा बढ़िया ढ़ंग से प्रदर्शित की जा सकती हैं इसलिए पटना संग्रहालय को विस्तार देना है। नीतीश ने कहा,‘‘ हम लोग विचार करेंगे कि इसका जो स्वरूप है, उसको कायम रखते हुये इसके तीन तरफ और ढ़ांचा बनाया जाये ताकि उसमें सब कुछ आधुनिक तरीके से दिखलाया जा सके।’’ उन्होंने कहा कि सारनाथ में एक यूनिवर्सिटी है, उनके साथ हम लोगों की चर्चा हुयी है कि जो तिब्बत से लाये हुये राहुल सांकृत्यायन की पाण्डुलिपियां हैं, उनका डिजिटलाइजेशन किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि उन पाण्डुलिपियों का हिन्दी और अंग्रेजी दो भाषाओं में अनुवाद कराना चाहिये ताकि लोग जान सकें कि ये क्या है। उन्होंने कहा कि राहुल सांकृत्यायन जी की पाण्डुलिपियों का डिसप्ले होना है, उसके लिये अब यहां जगह मिल गयी है।
नीतीश ने पटना संग्रहालय के निरीक्षण के दौरान टेराकोटा आर्ट गैलरी, बुद्ध अस्थि कलश दीर्घा, धातु कला दीर्घा, राहुल सांकृत्यायन संग्रह दीर्घा, सज्जा कला एवं अस्त्र-शस्त्र दीर्घा, चित्रकला दीर्घा, पाटलिपुत्र दीर्घा, डा राजेन्द्र संग्रह दीर्घा समेत अन्य दीर्घाओं का भी अवलोकन किया और सौंदर्यीकरण के संबंध में निर्देश दिये।
( Source – PTI )