प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पर्याप्त हर्जाना सुनिश्चित करने की नवाचारी विशिष्ठताएं : राधा मोहन सिंह
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पर्याप्त हर्जाना सुनिश्चित करने की नवाचारी विशिष्ठताएं : राधा मोहन सिंह

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को बीमा कंपनियों के लिये उपहार बताने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इसमें फसल नुकसान की स्थिति में किसानों को पर्याप्त हर्जाना सुनिश्चत करने की नवाचारी विशिष्ठताएं होने के साथ संगत फसल जोखिम प्रबंधन तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा बीमा कंपिनयों की निरंतर निगरानी की व्यवस्था है।

राधा मोहन सिंह ने Þभाषा Þ से बातचीत में कहा, Þ Þ किसान समग्र जोखिम कवरेज के लिये नाम मात्र प्रीमियम चुका रहे हैं । आपका यह वक्तव्य कि इससे केवल निजी बीमा कंपनियां लाभान्वित हो रही हैं, सही नहीं है। मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि पीएमएफबीवाई को बीमांकित आधार पर कार्यान्वित किया जा रहा है और बीमा कंपनियों का चयन राज्य एवं संघ राज्य सरकार द्वारा एक पारदर्शी बोली प्रक््िरया के माध्यम से किया जाना है। Þ Þ उन्होंने कहा कि किन राज्यों में किन फसलों या उत्पादों का बीमा होना है, यह राज्य सरकार को तय करना है । प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित बीमा योजना के तहत सभी उत्पादों का बीमा किया जा सकता है । कंपनियों द्वारा बताये गए प्रीमियम सामान्य बुआई के अतिरिक्त कवरेज या जोखिम, मध्य मौसम विषमता, स्थानीय जोखिम, फसलोपरांत नुकसान और 90 प्रतिशत तक क्षतिपूर्त िस्तर के अलावा मानव श्रम, अवसंरचना, प्रचार प्रसार, जागरूकता जैसी मांगों पर निर्भर करता है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि बीमा कंपनियां किसानों को समग्र जोखिम कवरेज प्रदान करती हैं लेकिन दावों को केवल जोखिम या आपदा होने पर और राज्य सरकार द्वारा प्रदान किये गए गए उपज आंकड़ों के आधार पर गणना करके भुगतान किया जाता है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा बीमा कंपिनयों की निरंतर निगरानी की जा रही है ताकि किसानों को अधिकतम कवरेज सुनिश्चित किया जा सके और दावों का समय पर निपटारा किया जा सके । सभी पक्षों को एक प्लेटफार्म पर लाने के लिये एक राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल की स्थापना की गई है कृषि मंत्री से कृषि विशेषज्ञों एवं विपक्षी दलों के उन आरोपों के बारे में पूछा गया था कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बीमा कंपनियों के लिए बड़ा उपहार है, किसानों के लिए नहीं।

मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि राज्य सरकार रिण माफी का बोझा जनता पर नये कर लगाकर नहीं डालेगी । वह फिजूलखर्ची में कटौती कर इसकी भरपाई करेगी ।

उन्होंने कहा है कि महान हस्तियों के नाम पर दिये जाने वाले 15 सार्वजनिक अवकाश रदद करने के राज्य सरकार के फैसले से प्रदेश के राजस्व में हर साल 50, 000 करोड रूपये बचने की उम्मीद है ।

कर्ज माफी के मद में वि}ापोषण के लिए राज्य मंóािपरिषद ने किसान राहत बांड लाने का फैसला किया है । इसके जरिए 36, 359 करोड रूपये जुटाने का उददेश्य है ताकि लघु एवं सीमांत किसानों का रिण माफ किया जा सके । राज्य के कुल 2 . 30 लाख किसानों में से 92 . 5 फीसदी लघु एवं सीमांत किसान हैं ।

लगातार सूखे एवं ओलावृष्टि से इन किसानों को काफी नुकसान हुआ है ।

राज्य सरकार ने हुडको, नाबार्ड, आरईसी और पावर फाइनेंस कार्पोरेशन जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के वि}ाीय संस्थानों से 16, 580 करोड़ रूपये रिण लेने का फैसला भी किया है । सडक बनाने, राजमार्ग उन्नयन, एक्सप्रेसवे निर्माण, ग्रामीण आवास और शहरी विकास के अलावा बिजली वितरण नेटवर्क मजबूत करने जैसी विकास परियोजनाओं के लिए यह धन इस्तेमाल होगा ।

राधा मोहन सिंह ने कहा कि उ}ारप्रदेश में बीमा कंपनियों द्वारा प्रीमियम प्राप्त नहीं होने के संबंध में यह तथ्य है कि यह राज्य सबसे पहले प्रीमियम राज सहायता में अपना अंश जारी करने वाले राज्यों में से एक है और खरीफ 2016.17 में पीएमएफबीवाई के कार्यान्वयन के पहले मौसम के दौरान दावों का सबसे पहले निपटान करने वाले राज्यों में से भी एक है । इसके अलावा खरीफ 2016 में 7.84 लाख किसानों के संबंध में 405 करोड़ रूपये के कुल दावों का निपटान किया जा चुका है। इनमें स्थानीय आपदाओं ओलावृष्टि, मध्य मौसम विषमता ,अल्प एवं बेमौसमी वर्षा और मौसम के अंत में होने वाले दावे शामिल हैं।

कृषि मंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न जिलों में बीमा भुगतान की प्रक््िरया जारी है। यह स्पष्ट है कि योजना सुचारू रूप से कार्य कर रही है और इससे किसानों को लाभ प्राप्त हो रहा है।

उन्होंने कहा कि योजना का मूल्यांकन इसके कार्यान्वयन की अवधि के दो तीन वर्ष के बाद बेहतर ढंग से किया जा सकता है। हम इस तरह से मूल्यांकन करेंगे कि किसानों के हित सुरक्षित रह सकें ।

सिंह ने स्पष्ट किया कि फसल बीमा योजना समेत किसी बीमा योजना की सफलता का फैसला योजना के 3 से 5 वर्ष के प्रदर्शन पर निर्भर करता है । यह योजना भविष्य की अनिश्चितताओं को कवर करती है। इसलिए मैं आश्वस्त हूं कि हम सही दिशा में हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजपा में क्षतिपूर्त िके तीन स्तर हैं, अर्थात सभी फसलों के लिये क्षेत्रों में संगत फसल जोखिम के अनुसार 70 प्रतिशत, 80 प्रतिशत और 90 प्रतिशत जोखिम स्तर है। प्रीमियम पर कैप हटा दिया गया है । इसके परिणामस्वरूप अधिक फसल बीमा होता है जिससे किसान के जोखिम का अधिक कवरेज होता है।

कृषि मंत्री ने कहा कि सभी पक्षों को एक प्लेटफार्म पर लाने के लिये एक राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल की स्थापना की गई है ताकि त्वरित डाटा प्रवाह और सेवा आपूर्त िसुनिश्चित की जा सके।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *