मुंबई के तट पर शिवाजी महाराज के प्रस्तावित स्मारक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे मछुआरों ने अपना आंदोलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा से एक दिन पहले वापस ले लिया है। मोदी यहां इस स्मारक की आधारशिला रखेंगे।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मछुआरा संघ के नेताओं की एक बैठक के बाद एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ मछुआरे छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक के भूमिपूजन के खिलाफ अपने आंदोलन को वापस लेने के लिए तैयार हो गए हैं। ’’ फडणवीस ने मछुआरों को भरोसा दिलाया है कि सरकार उनकी चिंताओं पर गौर करेगी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ बैठक में, उनके मामलों का निपटारा करने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया है। ’’ इस स्मारक में मराठा राजा की 192 मीटर उंची प्रतिमा होगी। यह स्थल राजभवन से 1.5 किमी दूर है।
अखिल महाराष्ट्र मच्छीमार कृति समिति :एएमएमकेएस: के नेता दामोदर तांडेल ने बताया कि शिलान्यास के लिए मोदी के आगमन से पहले मछुआरिनें हाथों में काले झंडे ले कर नरीमन प्वॉइंट से गिरगांव चौपाटी तक एक मानव श्रृंखला बनाएंगी।
उन्होंने दावा किया कि दक्षिण दिल्ली के पांच गांवों के 1.5 मछुआरों की आजीविका इस तट पर निर्भर हैं जहां उनकी 1500 बड़ी नौकाएं और 450 छोटी नौकाएं मछली पकड़ने के लिए चलती हैं। स्मारक के निर्माण के बाद सीधे सीधे उनकी आजीविका प्रभावित होगी।
( Source – PTI )