नीति आयोग के उपाध्यक्ष का पद अर्थशास्त्रियों का सपना: राजीव कुमार
नीति आयोग के उपाध्यक्ष का पद अर्थशास्त्रियों का सपना: राजीव कुमार

नीति आयोग के नवनियुक्त उपाध्यक्ष रजीव कुमार ने आज कहा कि वह जिस पद पर आयें हैं, वह किसी भी अर्थशास्त्री का एक सपना होता है। उन्होंने टीम इंडिया की तर्ज पर टीम नीति बनाकर आयोग में चल रहे कार्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प जताया। कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कुमार ने कहा, ‘‘नीति आयोग का उपाध्यक्ष बनना किसी भी अर्थशास्त्री का सपना होता है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिये धन्यवाद देना चाहता हूं।’’ उन्होंने कहा कि वह टीम इंडिया की तरह टीम नीति बनाएंगे और जो काम चल रहे हैं उन्हें आगे बढ़ाते हुये नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।

कुमार ने इस मौके पर पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया का भी धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने छोटे से पेड़ को बड़ा किया और रास्ता दिखाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अगर अग्रणी देश बनना है तो सामान्य चीजों से काम नहीं चलेगा। हमें रूपांतरणकारी नीति बनानी होगी। पिटी हुई लकीर से काम नहीं चलेगा।’’ कुमार ने कहा, ‘‘विकास को गति देने के लिये केंद्र एवं राज्यों को एक मंच पर लाना होगा। हम राज्यों के समूह के साथ काम करेंगे। सरकारी क्षमता बढ़ानी होगी।’’ हालांकि, उन्होंने यह भी कहा, ‘‘यह कोई उनका विचार नहीं है बल्कि चीजें पहले से चल रही हैं। बस उसे आगे बढ़ाना है।’’ अपनी प्राथमिकता के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्राथमिकता जनसंख्या संबंधी लाभ का उपयोग, रोजगार सृजन, निजी निवेश को गति देना, कृषि में रूपांतरण, स्वास्थ्य तथा शिक्षा होगी। हमें अनुसंधान एवं विकास पर जोर देना होगा।’’ राजीव कुमार सेंटर फॉर पालिसी रिसर्च के वरिष्ठ सहयोगी रह चुके हैं। उन्होंने आक्सफोर्ड से अर्थशास्त्र में डी-फिल और लखनऊ विश्वविद्यालय से पीएचडी की है।

इससे पहले उन्होंने देश के प्रमुख उद्योग मंडल फिक्की के महासचिव के तौर पर भी काम किया है। वह वर्ष 2006 से 2008 के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं।

कुमार एक अन्य उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के मुख्य अर्थशास्त्री और एशियाई विकास बैंक, वित्त मंत्रालय और उद्योग मंत्रालय में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।

( Source – PTI )

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *