उच्चतम न्यायालय ने मौलिक कर्तव्यों को लागू करने की मांग करने वाली जनहित याचिका खारिज की
उच्चतम न्यायालय ने मौलिक कर्तव्यों को लागू करने की मांग करने वाली जनहित याचिका खारिज की

उच्चतम न्यायालय ने आज उस जनहित याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया जिसमें केंद्र को न्यायमूर्ति जेएस वर्मा समिति की नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों के बारे में सिफारिशों को लागू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘यह रिपोर्ट वर्ष 1999 की है। अदालत मौलिक कर्तव्यों को लागू करने का निर्देश सरकार को कैसे दे सकती है।’’ शीर्ष अदालत ने इस बात का विशेषतौर पर जिक्र किया कि जनहित याचिका दायर करने वाला व्यक्ति केंद्र में सत्तारूढ़ दल का नेता है।

याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘आप :उपाध्याय: दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता हैं। आप सरकार में हैं। आप इतने शक्तिशाली हैं कि ये करवा सकते हैं।’’ उपाध्याय ने अपनी याचिका में मौलिक कर्तव्यों पर न्यायमूर्ति वर्मा समिति की वर्ष 1999 में आई रिपोर्ट को लागू करने की मांग की थी।

नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को प्रभावी बनाने के लिए समिति ने तरीके और साधन सुझाए थे।

( Source – PTI )

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *