नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने एससी/एसटी एक्ट के सवर्ण संगठनों द्वारा किये विरोध को राजनीतिक स्टंट करार दिया है। उन्होंने जारी बयान में कहा कि चुनाव के मद्देनजर ऐसे हथकंडे अपनाकर बीजेपी लोगों को जातियों में बांटना चाहती है।मायावती ने कहा,”हम ऐसे लोगों से सहमत नहीं हैं, जो एससी-एसटी अधिनियम का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने अपने मन में गलत धारणा बना ली है कि अधिनियम का दुरुपयोग कर अन्य समुदाय के लोगों का दमन किया जाएगा।”बसपा सुप्रीमों ने कहा,”मेरी सरकार में कभी भी एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग नहीं हुआ। बसपा की ही सरकार में पहली बार हमने सवर्णों को आर्थिक रूप से आरक्षण देने की मांग उठाई थी। बसपा जातिगत राजनीति नहीं करती, यह सभी धर्म और जाति को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है।”मायावती ने कल हुए भारत बंद को असफल करार देते हुए कहा कि सिर्फ बीजेपी शासित प्रदेशों में ही भारत बंद का असर दिखा। इससे ये साफ है कि पार्टी अपना वोट बैंक खिसकता देख लोगों को जाति-धर्म के मुद्दे पर भटकाने का काम कर रही है।