नई दिल्ली: बैंकों का कर्ज लेकर देश छोड़कर भागने वाले विजय माल्या ने पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को 15 अप्रैल 2016 को लिखा एक पत्र ट्विटर पर जारी किया है।भगोड़े माल्या ने का कहना है कि इस चिट्ठी को जारी करने के पीछे उसका मकसद ‘चीजें सही पर परिपेक्ष्य’ में हो जाएं। इस चिट्ठी को जारी करते हुये माल्या ने लिखा है कि वह बैंकों का लोन चुकाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है। लेकिन उनकों बैंक डिफाल्ट का पोस्टर ब्वाय बनाकर जनता के गुस्से का शिकार बना दिया गया।माल्या ने ट्वीट के साथ चिट्ठी शेयर करते हुए लिखा है कि दो साल बाद भी उन्हें इसका जवाब नहीं मिला है, इसिलए चीजों को सही संदर्भ में पेश करने के लिए मैं इन पत्रों को सार्वजनिक कर रहा हूं।

माल्या ने लिखा, लंबे समय की खामोशी के बाद अब मुझे लगा है कि मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों पर बोलने का वक्त आ गया है। राजनेताओं और मीडिया ने मुझ पर इस तरह आरोप लगाए जैसे किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 9000 करोड़ रुपये का कर्ज मैंने चुरा लिया और भाग गया। कुछ कर्जदाता बैंकों ने भी मुझे जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला करार दिया।

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