स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया भर में कोविड की दूसरी लहर के चलते बढ़ रहे मामलों से सुरक्षा के लिए फेस मास्क पर फेस शील्ड पहनना जरूरीइससे कोविड से सुरक्षा का स्तर कई गुणा तक बढ़ जाता हैमास्क के साथ पहने जाने पर, फेस शील्ड कोविड-19 के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं


नई दिल्लीः बीते कई सप्ताह से कोविड-19 वायरस के मामले लगातार बढ़े हैं और काफी बड़ी संख्या में लोग इससे प्रभावित हो रहे है। कोविड की इस दूसरी लहर में बढ़ रहे मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने राय दी है कि कोविड वायरस के प्रसार को रोकने और इसके बढ़ते मामलों को कम करने के लिए फेस मास्क पर फेस शील्ड पहनने से अधिक सुरक्षा प्राप्त की जा सकती है। इस तरह से संक्रमण से प्रभावित होने का जोखिम कई गुणा तक कम किया जा सकता है।
फेस शील्ड प्लास्टिक फेस वाइजर्स होते हैं जो पूरे चेहरे को सुरक्षा प्रदान करते हैं। इस तरह की फेस कवरिंग वायरस से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। फेस शील्ड पहनने वालों को काफी उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करते हैं। यह देखते हुए कि वे पूरे चेहरे-मुंह, नाक और आंखों को कवर करते हैं ऐसे में वायरल पार्टीकल्स (सूक्ष्म कणों) के काफी बड़े हिस्से को फेस शील्ड लगाने वाले तक पहुंचने से रोका जा सकता है। फेस शील्ड्स निश्चित तौर पर खांसी और छींक से बचाने में सर्वश्रेष्ठ हैं।
ज्नकपुरी, दिल्ली में स्थित डॉ.राजत त्रेहन ने हाल के एक अध्ययन के अनुसार, मास्क और फेस शील्ड के उपयोग पर क्लीनिक तौर पर सटीक राय भी प्रदान की। डॉ. त्रेहन के अनुसार, लोग सांस छोड़ते समय एक स्पेक्ट्रम भर में बूंदों के रूप में श्वसन तरल पदार्थ छोड़ते हैं, 1-9 आकार की ये बूंदें वायरस ले जाती हैं और संक्रमण प्रसारित करती हैं। कोविड19 अब म्यूटेट हो गया है और इसके कई सारे वेरिएंट हमारे आसपास मौजूद हैं। मास्क पर फेस शील्ड का उपयोग करने से वायरस से संक्रिमत होने की संभावना कम करने में मदद मिलेगी।
यूएस सीडीसी ने भी स्वीकार किया है कि एसएआरएस-सीओवी-2, कोरोनोवायरस जो कोविड-19 महामारी का कारण बना है, वह एयरबोर्न है यानि हवा में पनपता है। डॉ.त्रेहन का कहना है कि “कोई भी व्यक्ति वायरस से युक्त एरोसोल या बूंद को सीधे सांस में लेने या उनके आंखों, नाक या मुंह के साथ संपर्क में आने पर भी संक्रमित हो सकता है। चेहरे की ढाल का उपयोग अनिवार्य तौर पर किया जाना चाहिए जैसे मास्क का उपयोग अनिवार्य है क्योंकि ये संक्रमण की संभावना को दोगुना कम कर देता है और उसकी गंभीरता की दर में 85 प्रतिशत तक की कटौती करता है और फेस शील्ड के साथ ये स्तर हम 95 प्रतिशत तक तक पहुंचा सकते हैं।“
इस बीच, फेस शील्ड्स, सफलतापूर्वक इन ड्रॉप्लेट्स को अवरुद्ध करने में सफल पाए गए हैं। इसके अलावा, फेस मास्क पहनने वाले की रक्षा के लिए नहीं होते हैं-वे चेहरे के अन्य संक्रमित हो सकतने वाले हिस्सों जैसे आंखों को असुरक्षित छोड़ देते हैं। वे एक एसिप्टोमैटिक और प्री-सिप्टोमैटिक  व्यक्ति को इसे दूसरों तक फैलाने का जोखिम बनाए रखते हैं।
फेस मास्क के विपरीत, फेस शील्ड वास्तव में पूरी तरह से ठोड़ी के नीचे के रास्ते से चेहरे को कवर करते हैं। परिणामस्वरूप, यह आपको अपने स्वयं के चेहरे को छूने से रोकता है जो कि सिर्फ फेस मास्क के साथ संभव नहीं है।
अध्ययन में, यह पाया गया कि फेस शील्ड ने खांसी के 18 इंच के भीतर श्रमिक के सांस लेने पर इनके संपर्क में आने के जोखिम को 96 प्रतिशत कम कर दिया। वे लोगों द्वारा पहने जाने वाले फेस मास्क की तुलना में अधिक आरामदायक और सुविधाजनक साबित हो सकते हैं जो बहुत लंबे समय तक इस्तेमाल किए जाने पर प्रतिबंधात्मक और असहज हो सकते हैं।
कोरोना आक्रामक रूप से दुनिया भर में फैल रहा है। कोरोनावायरस संक्रमण से बचने के लिए लोग मास्क, पीपीई, किट आदि का उपयोग कर रहे हैं। फेस मास्क और शील्ड का उपयोग करने का सही तरीका जानना बहुत महत्वपूर्ण है।
फेस शील्ड पहनने का एक और मुख्य लाभ यह है कि एक फेस शील्ड को स्टरलाइज़ और साफ किया जा सकता है। इसका उपयोग तब तक किया जा सकता है जब तक यह टूट या दरार आदि के पड़ने के कारण बेकार न हो जाए। अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र से सफाई करके या इसे संक्रमण-मुक्त बनाने के लिए साबुन से धो कर उपयोग किए गए फेस शील्ड को भी साफ़ किया जा सकता है।

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