निर्मला सीतारमन का बही – खाता

दुलीचंद कालीरमन
मोदी सरकार द्वारा फरवरी 2019 में पारित अंतरिम बजट पेश करते हुए चुनाव की दृष्टि से जो भी
संभव थी वह सभी घोषणाएं की जा चुकी थी लेकिन संवैधानिक मर्यादाओं के चलते पूरक बजट भी
जरूरी था | लेकिन इस वित्त वर्ष के बचे हुए 8 महीनों के लिए किसी विशेष छूट की उम्मीद बजट से
नहीं की जा रही थी | जब सरकार प्रचंड बहुमत से जीत कर आई हुई हो और निकट भविष्य में चुनाव
और गठबंधन की मजबूरियों न हो तो ऐसे समय में सरकार को अपने ‘आर्थिक विजन’ को देश के
सामने रखने का एक सुनहरा मौका होता है | जिसका उपयोग वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने
बखूबी किया है | कुछ अलग करने के प्रयास में उन्होने बजट प्रस्तुतिकरण का भारतीयकरण (बही-
खाता ) करने का प्रयास भी किया | 
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था को सन 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था
बनाने का सपना देखा है | यह अच्छी बात है जो उनके आशावादी दृष्टिकोण को इंगित करती है
लेकिन इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिवर्ष जीडीपी में 8% वृद्धि की आवश्यकता है जबकि
वर्तमान में यह महज 6. 8  प्रतिशत है | सरकार की अगले 5 वर्षों में आधारभूत संरचना में 100 खरब
डालर निवेश की योजना है तथा 1.25 लाख किलोमीटर सड़कों के निर्माण में विनिवेश किया जाएगा
जिससे जरूरी मांग उत्पन्न होगी और रोजगार भी सृजन होगा | सरकार को डॉलर के मुकाबले रुपए
की कीमत को भी ध्यान देने का जरूरत है क्योंकि रुपए की क्रय शक्ति ही आम आदमी के जीवन
स्तर को ऊपर उठा सकती है |
देश की समूची अर्थव्यवस्था का दारोमदार कर और राजस्व संग्रह पर होता है | पिछले 5 साल में कर
संग्रह 78% बढ़ा है | सरकार की कोशिश भारत की अर्थव्यवस्था को ‘डिजिटल इकोनामी’ की तरफ
अग्रसर करने की है | इस बजट में भी कुछ ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिससे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा
मिले | एक करोड़ से ज्यादा नकद निकासी एक वित्तीय वर्ष में होने पर 2% टीडीएस का प्रावधान
नकदी को हतोत्साहित करने का एक प्रयास है | दूसरा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास आधार कार्ड
को आयकर के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सक्षम बनाया गया है | इससे देश की वह सारी जनसंख्या भी
रेडार पर आ जाएगी जिसके पास  पैन कार्ड नहीं है | यह कृषि आय के नाम पर टैक्स से बचने की
कोशिश पर अंकुश लगाने का कार्य भी करेगा | सरकार ने इस बजट में यह प्रावधान किया है कि
₹50,000 से ज्यादा के लेन-देन पर आधार कार्ड की अनिवार्यता कर दी गई है | इससे यह सारे लेनदेन
कर विभाग के पहुंच में होंगे | इससे आने दिन आने वाले दिनों में कर राजस्व बढ़ेगा |

 ऐसा माना जा रहा था कि नोटबंदी के बाद रियल स्टेट सेक्टर में मंदी का प्रभाव आ गया था | रियल्टी
सेक्टर की कई कंपनियां अपने ग्राहकों को समय पर मकान उपलब्ध नहीं करा पा रही थी तथा कई

दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई थी | सरकार का सपना है कि देश के हर नागरिक के पास सन
2022 तक अपना मकान हो इसी दिशा में पहल करते हुए अफॉर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए
पूरक बजट में पहले मकान पर कर छूट की सीमा ₹2लाख से बढ़ाकर 3:30 लाख कर दी है | मोदी
सरकार की मंशा अगले 5 सालों में 1.5 करोड़ मकान बनाने की है जिससे रियल एस्टेट सेक्टर विकास
की गति पकड़ेगा क्योंकि इससे काफी मात्रा में रोजगार उत्पन्न होगा |
बढ़ता हुआ पर्यावरण प्रदूषण और इसके प्रति विश्व भर में चिंता प्रकट की जा रही है | पेरिस जलवायु
समझौते के साथ भारत मजबूती के साथ खड़ा है | इसलिए आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक वाहनों को
प्रोत्साहन देने के लिए कर में छूट का प्रावधान भी किया गया है  तथा इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी
की दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है | पेट्रोल और डीजल पर सेस बढ़ा दिया गया है इससे कर
राजस्व तो बढ़ेगा लेकिन किसान और ट्रांसपोर्ट को महंगाई का सामना करना पड़ेगा |
 वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन के अनुसार यह बजट गांव. गरीब और किसान को समर्पित था |
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का भी सपना है कि सन 2022 तक किसानों की आय को दोगुना किया जा
सके | इस बजट में जीरो बजट खेती की बात तो की गई है लेकिन उसको धरातल पर किस प्रकार से
लागू किया जाएगा इसके बारे में अभी भी संशय है | अंतरिम बजट में ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान
निधि’ और पूरक बजट में 3 करोड़ छोटे व्यापारियों के लिए पेंशन की योजना स्वागत योग्य कदम है |
कृषि क्षेत्र में  10,000 किसान उत्पादक संगठन बनाए जाने का भी प्रावधान किया है |

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने प्रथम कार्यकाल में रेल बजट को भी आम बजट में समाहित कर दिया था |
भारत की बढ़ती जनसंख्या और स्तरीय रेल यातायात के लिए सुरक्षा और सुविधाओं को और ज्यादा
बेहतर बनाने के लिए 50 लाख करोड़  पूंजी निवेश की जरूरत है | बुलेट ट्रेन का सपना हो या फिर
अन्य रेल नेटवर्क सभी में गति और अन्य सुविधाएं के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं | वित्त मंत्री ने
बजट में रेलवे के कोच निजी क्षेत्र को भी सौंपने का फैसला किया है तथा कुछ पीपीपी मॉडल द्वारा
अपग्रेड करने की बात की गई है | सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का अभी तक का इतिहास यह बताता
है कि कारण चाहे कुछ भी रहे हो जबसे उदारीकरण की बहार चली है तभी से सार्वजनिक क्षेत्र के
उद्यम इस दौड़ में कहीं पीछे छूटते चले गए हैं | सरकारों द्वारा विनिवेश के माध्यम से उनको निजी
हाथों में देने का प्रयास चल रहा है | यह बात रेलवे तक सीमित नहीं रहती बल्कि भारत संचार निगम
लिमिटेड, एयर इंडिया में भी अमूमन ऐसा ही प्रयास चल रहा है  | विनिवेश की प्रक्रिया में कर्मचारी
ख्याल रखा जाना चाहिए |
भारत को अगर 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है तो हमें अपनी शिक्षा नीति के उदेश्यों  में
आमूलचूल परिवर्तन करने होंगे | इस बजट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स तथा
3डी प्रिंटिंग के क्षेत्र में भारतीय भारतीय छात्रों के कौशल को बढ़ावा देने का प्रयास किया है | क्योंकि
जब तक उधमिता विकास हमारी शिक्षा पद्धति में शामिल नहीं होगा तब तक युवा नौकरी मांगने के

लिए कतार में खड़ा रहेगा वह दूसरों को नौकरी देने और खुद का व्यवसाय शुरू करने का हौसला नहीं
कर पाएगा | स्टार्टस अप के लिए एक नया टीवी चैनल शुरू करने का निर्णय भी लिया गया है | इस
बजट में भी स्टार्टस अप को कर रियायत देने का प्रयास किया गया है जिससे स्टार्टअप को बढ़ावा
मिलेगा जो एक स्वागत योग्य पहल है |
 किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है भारतीय बैंकिंग व्यवस्था
एनपीए के बोझ में दबी हुई है | सरकार के द्वारा दिवालिया कानून और अन्य प्रयासों के माध्यम से
एनपीए में एक लाख करोड़ की कमी आई है | इसके अलावा बैंकों को पुन: पंजीकरण के लिए 70,000
करोड रुपए का भी प्रावधान किया गया है ताकि बाजार में तरलता की कमी न आए | गैर बैंकिंग
वित्तीय कंपनियां भी आर्थिक कमजोरी का सामना कर रही हैं | सरकार ने उन्हें उभारने के लिए बैंक
गारंटी देने का प्रावधान किया है लेकिन उन्हें अधिक पारदर्शिता के लिए रिजर्व बैंक के नियंत्रण में ले
लिया गया है |
 कुल मिलाकर यह बजट किसी एक क्षेत्र या वर्ग को लोकप्रिय कदमों के माध्यम से खुश करने के
प्रयास से नहीं बनाया गया बल्कि दूरगामी रणनीति अपनाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए
एक कदम है | देश की अर्थव्यवस्था  को मंदी से उबारने के लिए और भविष्य की चुनौतियों का सामना
करने के लिए यह एक संतुलित बजट है | जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल की दूर-
दृष्टि नजर आती है |
118/22, कर्ण विहार , करनाल (हरियाणा )
9468409948
dulichand559@gmail.com
ramankaroznamcha.blogspot.com

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