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देश हित के कार्यों से रहित कोरा आध्यात्मिक जीवन उचित नहीं - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य इस जड़-चेतन संसार में जन्म लेता व मृत्यु को प्राप्त होता है। उसे यह पता नहीं होता कि उसका जन्म क्यों हुआ व उसे क्या करना है? उसे यह भी पता नहीं होता कि जन्म से पूर्व वह था या नहीं और यदि था तो…