बच्चों की सुरक्षा के सवाल पर दुनिया की सबसे बड़ी कक्षा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल
दिनांक 12 अक्टूबर 2017 को नोबेल शांति पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी ने जयपुर में बच्चों की सुरक्षा के सवाल पर दुनिया की सबसे बड़ी “सत्यार्थी कक्षा” ली, जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्डरिकार्ड में दर्ज किया गया। इसमें जयश्री पेरिवाल इंटरनेशनल स्कूल में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें 344 छात्रों की सहभागिता रही।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के श्री स्विपनल डेंगारिकर ने इस बारे मे जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम का हिस्सा बनते हुए मुझे खुशी हो रही है। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन नेजिस उद्देश्य से इस भारत यात्रा का आयोजन किया वह आज की दुनिया के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। मुझे यह भी बताने में खुशी हो रही है कि बाल यौन शोषण के खिलाफ सुरक्षा के सवाल पर आजदुनिया की सबसे बड़ी कक्षा ली गई और इसमें 344 छात्रों ने भाग लिया। हम इसके लिए नोबेल विजेता श्री कैलाश सत्याथीं और उनके केएससीएफ को इसके लिए बधाई देते हैं।
11 अक्टूबर 2017 का दिन बच्चों की सुरक्षा के सवाल पर सबसे ऐतिहासिक दिन था। इस दिन श्री कैलाश सत्यार्थी ने एक कक्षा ली, जिसमें उन्होंने बाल यौन शोषण के खिलाफ जयपुर के डीएवीसेंटेनरी पब्लिक स्कूल में 15000 बच्चों को बाल यौन शोषण से बचने के उपायों को बताया। नोबेल विजेता की बाल यौन शोषण के खिलाफ ली गई इस कक्षा से एक ओर जहां 15,000 बच्चों को सीधे-सीधे लाभ हुआ है, वहीं दूसरी ओर देश के लगभग चार करोड़ से अधिक बच्चे भी इस कक्षा से परोक्ष तरीके से लाभान्वित हुए हैं। बाल यौन शोषण के खिलाफ देश के छह अन्य राज्यों में भी यह कक्षाली गई। इस तरह की कक्षा देश के आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू, केरल,तेलंगाना, असम और झारखंड के शिक्षकों ने ली। इसमें एनपीएस और आईपीएससी के 400 से अधिक स्कूलों के बच्चे शामिल हैं।इसके अतिरिक्त इस तरह की कक्षा 23 राज्यों के 693 डीएवी स्कूलों में भी ली गई। राजस्थान सरकार ने इस तरह की कक्षा का आयोजन राज्य के अधिकांश स्कूलों में भी आयोजित करवाया। यहपूरे देश में एक मॉडल के तौर पर उभरेगा, इसकी चारों ओर चर्चा शुरू हो गई है।
श्री कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि इस तरह की कक्षा से लगभग 4 करोड़ बच्चों का लाभान्वित होना एक बहुत बड़ी बात है। उन्होंने यह भी बताया कि जिस तरह से देश के लगभग 4 करोड़ बच्चों ने इसकक्षा से लाभ लिया उससे यह भी साबित होता है कि वे बाल यौन शोषण और बलात्कार के खिलाफ हमारी जंग में हमारे साथ है। भारत यात्रा को उन्होंने सड़ी-गली मान्यताओं पर एक हमला बताया।
कन्याकुमारी के विवेकानंद शिला स्मारक से 11 सितंबर, 2017 को शुरू हुई भारत यात्रा अब तक 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरते हुए लगभग 9000 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है।16 अक्टूबर को इसका समापन दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में होगा, जहां भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोबिंद और भारत को बच्चों के लिए सुरक्षित बनाने का स्वप्न देखने वाले नोबेल विजेताश्री कैलाश सत्यार्थी देश के अन्य गणमान्यों के साथ होंगे। इस यात्रा के जरिए 1 करोड़ लोगों से सीधे सम्पर्क का लक्ष्य रखा गया है।